नई दिल्ली/मुंबई (The News Air) वैसे तो शरद पवार हमेशा से ही NCP के सुप्रीमों थे और रहेंगे, हम यह तो जानते ही हैं कि, रथ में लगाम खींचने वाला न कहीं आता है, न कहीं जाता है। बस इधर-उधर झांकता है कि उसका घोड़ा दाएं-बाएं तो नहीं भागता है? भागता तो बेचारा घोडा है और इस वक़्त NCP के ऐसे ही कुछ घोड़े फ़िलहाल परेशान हैं।
वैसे भी शरद पवार NCP में बीते चार दिनों से खेल रचाया था, वह अब उसे पूरी तरीके और बड़ी ही सुन्दरता से खेल चुके हैं। दरअसल अजित पवार और कुछ लोग जो थोडा बहुत रायता फैला रहे थे, शरद पवार बड़े ही निपुण खिलाड़ी की तरह बड़ी ही सफाई से उसे समेट रहे थे।
अजित पवार पूरी तरह से न्यूट्रल
वैसे तो शरद पवार के भतीजे अजित पवार NCP के बड़े नेता माने जाते हैं। पिछले दिनों जब शरद पवार ने पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान किया था, तब अजित पवार उनके साथ थे। उन्होंने शरद पवार के अध्यक्ष पद छोड़ने के फैसले का खुलेआम स्वागत कर अचानक सबको चौंका दिया था, लेकिन शुक्रवार को शरद पवार के पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की अपनी पेशकश वापस लेने संबंधी घोषणा के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई, तो उस वक्त अजित पवार उनके बाजू में साथ नहीं थे।
अब इतने अहम मौके पर अजित पवार की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय बन गई। जब पत्रकारों ने शरद पवार से अजित पवार की अनुपस्थिति के बारे में पूछा, तो उन्होंने बड़े ही गंभीर आवाज में कहा कि, मेरे तमाम सहयोगी यहां हैं, किसी की अनुपस्थित का कोई अन्य अर्थ न निकाला जाए।
बता दें कि NCP में शरद पवार के इस्तीफे के एपिसोड के पीछे अजित पवार के NCP छोड़ बीजेपी संग जाने की अटकलें ही प्रमुख वजह थी। लेकिन शरद पवार इस्तीफा देने के बाद अब अजित अपनी ही पार्टी में पूरी तरह से अकेले पड़ गए। क्योंकि सारी पार्टी तो फिर से शरद पवार के साथ खड़ी नजर आई। यहां तक कि जिन विधायकों का अजित के साथ BJP में जाना तय माना जा रहा था, वह भी बुरी तरह से सहम गए।
अब अजित पवार BJP के लिए भी जीरो
शरद पवार के इस्तीफे से मारे डर के जो विधायक अजित के साथ जाने को उत्सुक थे, वे भी इस सन्देश को समझ गए कि अगर उन्होंने अजित पवार के लिए पार्टी छोड़ी, तो उनका फिर से चुनकर आना ही मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि, तब पार्टी का समर्थक वोटर उन्हें नायक की जगह खलनायक की तरह देखेंगे और पवार की ढलती उम्र में उन्हें दुख पहुंचाने के वे आरोपी बन जाएंगे।
न घर के न ही घाट के
हालांकि, पार्टी में अजित पवार ऐसे समर्थक विधायकों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन ताजा घटनाक्रम से उनके कदम भी अब ठिठक चुके हैं। अब अजित पवार के अगले कदम पर सबकी नजर है, क्योंकि बिना विधायकों का समर्थन लिए BJP में भी अजित पवार की उपयोगिता शून्य या ना के बराबर ही है।
शिंदे गुट खुश हुआ
इधर अजित पवार के BJP के साथ आने की अटकलों से सबसे ज्यादा शिवसेना के शिंदे गुट में ही बेचैनी दिखी थी। लेकिन अब शुक्रवार के घटनाक्रम के बाद शिंदे शिवसेना के प्रवक्ता और विधायक संजय शिरसाट ने कहा कि, NCP में जो राजनीतिक नाटक चल रहा था वह पवार का पावर गेम था। दरअसल यह पूरा खेल पार्टी की अंतर्कलह को रोकने के लिए शरद पवार ने यह मास्टर स्ट्रोक खेला था। दरअसल अब अजित पवार के साथ जो विधायक विचलित हो रहे थे, उन पर भी पूरी तरह से ब्रेक लग गया है। उनके पास शांति के साथ पार्टी में ही बने रहने के अलावा अब कोई भी अलग विकल्प नहीं है।