Patanjali Ayurved Ghee Fails Purity Test: योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह कोई नया प्रोडक्ट नहीं, बल्कि पुराने प्रोडक्ट की गुणवत्ता पर उठे सवाल हैं। पतंजलि के देसी घी के सैंपल गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं, जिसके बाद कोर्ट ने कंपनी पर जुर्माना ठोक दिया है। यह मामला सीधे तौर पर आम जनता की सेहत और भरोसे से जुड़ा है।
लैब टेस्ट में फेल हुआ ‘शुद्धता’ का दावा
यह पूरा मामला साल 2020 का है, जब खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक किराना स्टोर से पतंजलि घी के सैंपल जांच के लिए लिए थे। इन सैंपलों को जांच के लिए राज्य स्तरीय लैब में भेजा गया, जहां रिपोर्ट में घी की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई।
कंपनी ने इस रिपोर्ट को चुनौती देते हुए सैंपल को राष्ट्रीय स्तर की लैब में भेजने का अनुरोध किया। कंपनी की मांग पर सैंपलों को गाजियाबाद स्थित नेशनल फूड लैब में भेजा गया, लेकिन वहां भी नतीजा वही रहा। दोनों ही लैबों की जांच में पतंजलि का घी गुणवत्ता मानकों में फेल साबित हुआ।

कोर्ट ने ठोका जुर्माना
दो लैबों से रिपोर्ट फेल आने के बाद, खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने अपर जिला अधिकारी की अदालत में मामला दायर किया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद पतंजलि आयुर्वेद, उसके वितरक ब्रह्मा एक्सेसरीज और विक्रेता करन जनरल स्टोर को दोषी मानते हुए उन पर जुर्माना लगाया है।
कोर्ट ने सबसे ज्यादा 1 लाख रुपये का जुर्माना पतंजलि आयुर्वेद पर लगाया है। वहीं, वितरक ब्रह्मा एक्सेसरीज पर 25,000 रुपये और करन जनरल स्टोर पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

कंपनी ने बताया ‘साजिश’, कार्रवाई को बताया गैरकानूनी
कोर्ट के इस फैसले के बाद पतंजलि आयुर्वेद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कंपनी ने इस पूरी कार्रवाई को ही कानून के खिलाफ बताते हुए सवाल उठाए हैं। पतंजलि का कहना है कि कंपनी के खिलाफ जिस तरह से कार्रवाई की जा रही है, वह एक साजिश का हिस्सा लगती है।
कंपनी ने अपने घी की शुद्धता पर पूरा भरोसा जताते हुए दावा किया है कि उनका घी पूरी तरह से शुद्ध और प्राकृतिक है। कंपनी के मुताबिक, 2021 में राज्य लैब में नमूना फेल होने के बाद ही उन्होंने राष्ट्रीय लैब में जांच का अनुरोध किया था, लेकिन कोर्ट ने पुराने टेस्ट पर ही फैसला सुना दिया। पतंजलि ने इस विवाद को कंपनी को बदनाम करने की कोशिश करार दिया है।
पहले भी उठ चुके हैं सवाल
यह पहला मौका नहीं है जब पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों की गुणवत्ता पर सवाल उठे हों। इससे पहले भी कंपनी के कई प्रोडक्ट्स, जिनमें कोरोना किट और आंवला जूस शामिल हैं, विवादों में रह चुके हैं। हालांकि, कंपनी हर बार इन आरोपों को खारिज करती रही है और इसे एक साजिश बताती आई है।
मुख्य बातें (Key Points)
-
पतंजलि घी के सैंपल राज्य और राष्ट्रीय दोनों लैबों की जांच में फेल हो गए हैं।
-
अपर जिला अधिकारी की कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
-
वितरक ब्रह्मा एक्सेसरीज पर 25,000 रुपये और विक्रेता करन जनरल स्टोर पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगा है।
-
पतंजलि ने इस कार्रवाई को साजिश बताया है और अपने घी को पूरी तरह शुद्ध होने का दावा किया है।
-
यह मामला 2020 में लिए गए सैंपलों से जुड़ा है।






