Passport Verification Process India: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जिसने पासपोर्ट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े कर दिए। एक यूजर ने बताया कि उनकी बहन के पासपोर्ट वेरिफिकेशन के दौरान, आधार कार्ड, पैन कार्ड और रेजिडेंस प्रूफ जैसे सभी लीगल डॉक्युमेंट्स दिखाने के बावजूद, पुलिस अधिकारी ने उनकी राष्ट्रीयता (Nationality) पर सवाल उठा दिया। अधिकारी ने कहा, “ये डॉक्यूमेंट्स तो कोई भी बना लेता है, मैं कैसे मान लूं कि आप बांग्लादेशी नहीं हैं?”
यह घटना न सिर्फ हैरान करने वाली है, बल्कि एक जागरूक नागरिक के तौर पर हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर हमारे अधिकार क्या हैं? क्या पुलिस वेरिफिकेशन के दौरान नेशनलिटी पर सवाल उठाना जायज है? आइए जानते हैं पासपोर्ट बनवाने का सही तरीका और आपके अधिकार।
पासपोर्ट बनवाने के 4 आसान स्टेप्स
भारत में अब पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया काफी हद तक ऑनलाइन और पारदर्शी हो गई है। इसे आप इन 4 मुख्य चरणों में पूरा कर सकते हैं:
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ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन: सबसे पहले पासपोर्ट सेवा पोर्टल पर रजिस्टर करें। वहां फ्रेश पासपोर्ट या री-इश्यू के लिए अप्लाई करें। फॉर्म में अपनी पर्सनल, फैमिली और एड्रेस डिटेल्स भरें। अपनी जरूरत के हिसाब से नॉर्मल या तत्काल स्कीम चुनें और ऑनलाइन फीस जमा करके अपॉइंटमेंट बुक करें।
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डॉक्यूमेंट सबमिशन: अपॉइंटमेंट के दिन अपने ओरिजिनल डॉक्युमेंट्स और उनकी फोटोकॉपी लेकर पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK) जाएं। वहां आपका बायोमेट्रिक डेटा (फोटो और फिंगरप्रिंट) लिया जाएगा और डॉक्युमेंट्स वेरीफाई किए जाएंगे। मुख्य रूप से तीन डॉक्युमेंट्स जरूरी हैं:
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जन्म तिथि का प्रूफ: जन्म प्रमाण पत्र, पैन कार्ड या आधार कार्ड (जिस पर पूरी जन्म तिथि हो)।
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पहचान का प्रूफ: आधार कार्ड, पैन कार्ड या वोटर आईडी।
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रेजिडेंस का प्रूफ: आधार कार्ड, बैंक पासबुक, बिजली या पानी का बिल।
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पुलिस वेरिफिकेशन: यह सबसे अहम चरण है। आपकी फाइल लोकल थाने जाती है। पुलिस अधिकारी आपके घर आकर सिर्फ आपके पते की पुष्टि करते हैं और यह चेक करते हैं कि आपके खिलाफ कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड तो नहीं है।
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पासपोर्ट जारी होना: पुलिस रिपोर्ट क्लियर होने के बाद रीजनल पासपोर्ट ऑफिस आपका पासपोर्ट प्रिंट करके डाक द्वारा आपके घर भेज देता है।
जानें अपने अधिकार (Know Your Rights)
एक नागरिक के तौर पर आपको अपने अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए:
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वैध दस्तावेज ही काफी हैं: सरकार द्वारा जारी आधार, पैन और रेजिडेंस प्रूफ आपकी पहचान और राष्ट्रीयता का सबसे बड़ा प्रमाण हैं। कोई भी अधिकारी इन्हें यह कहकर खारिज नहीं कर सकता कि “ये तो कोई भी बनवा सकता है।”
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पुलिस का काम सिर्फ वेरिफिकेशन है: पुलिस वेरिफिकेशन का उद्देश्य सिर्फ आपके पते और क्रिमिनल रिकॉर्ड की जांच करना है। उनका काम आपकी नागरिकता या नेशनलिटी पर सवाल उठाना या पूछताछ करना नहीं है, खासकर जब आपके पास सभी वैलिड डॉक्युमेंट्स हों।
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कोई एक्स्ट्रा फीस नहीं: वेरिफिकेशन के लिए आपको पुलिस को कोई अलग से पैसा नहीं देना होता है।
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लिखित नोटिस का अधिकार: अगर कोई अधिकारी आपसे एक्स्ट्रा डॉक्युमेंट्स मांगता है या परेशान करता है, तो आप लिखित नोटिस मांग सकते हैं कि आपके ओरिजिनल डॉक्युमेंट्स क्यों स्वीकार नहीं किए गए।
कहां करें शिकायत?
अगर आपको वेरिफिकेशन के दौरान अननेसेसरी पूछताछ या अनुचित मांगों का सामना करना पड़ता है, तो आप चुप न रहें। आप तुरंत रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर (RPO) या पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत कर सकते हैं। इसके अलावा, रीजनल पासपोर्ट ऑफिस की वेबसाइट पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने का विकल्प मौजूद रहता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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पासपोर्ट वेरिफिकेशन का मकसद सिर्फ एड्रेस और क्रिमिनल रिकॉर्ड चेक करना है, नेशनलिटी की जांच नहीं।
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आधार और पैन कार्ड जैसे सरकारी दस्तावेज आपकी नागरिकता के वैध प्रमाण हैं।
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पुलिस अधिकारी द्वारा दस्तावेजों को खारिज करने पर आप लिखित कारण मांग सकते हैं।
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अनुचित व्यवहार की शिकायत रीजनल पासपोर्ट ऑफिस या वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से करें।






