Parliament Winter Session 2025 Major Bills संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है, जो 19 दिसंबर तक चलेगा और इस दौरान कुल 15 बैठकें होंगी। केंद्र सरकार ने सत्र के लिए 10 नए विधेयकों की सूची तैयार की है, जो देश के परमाणु ऊर्जा, शिक्षा और कॉर्पोरेट जगत में बड़े और पारदर्शी बदलाव ला सकते हैं। ये बिल न केवल देश की प्रगति को रफ्तार देंगे, बल्कि आम नागरिक के जीवन पर भी सीधा प्रभाव डालेंगे।
परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी कंपनियों की एंट्री
इस सत्र में पेश किया जाने वाला एटॉमिक एनर्जी बिल 2025 सबसे खास है। यह बिल न्यूक्लियर सेक्टर में एक बड़े बदलाव की तैयारी है, जो भारत में परमाणु ऊर्जा के इस्तेमाल, कंट्रोल और रेगुलेशन से जुड़े प्रावधानों को एक नया फ्रेमवर्क देगा। इस संशोधन के बाद पहली बार निजी भारतीय या विदेशी कंपनियों को भी न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की अनुमति मिल पाएगी। अब तक, देश में सभी न्यूक्लियर पावर प्लांट केवल सरकार के कंट्रोल वाली कंपनियों जैसे एनपीसीआईएल (NPCIL) के जरिए ही बनाए जाते थे।
यूजीसी समेत कई संस्थाएं होंगी खत्म, बनेगा एकल कमीशन
उच्च शिक्षा (Higher Education) के क्षेत्र में सुधार लाने के उद्देश्य से हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल तैयार किया गया है। सरकार का मकसद सिस्टम को पारदर्शी बनाना और कॉलेज तथा यूनिवर्सिटी को अधिक स्वतंत्रता (फ्रीडम) देना है। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), एआईसीटीई (AICTE) और एनसीटीई (NCTE) जैसी अलग-अलग संस्थाओं को खत्म कर दिया जाएगा। इन सबको मिलाकर एक ही ‘हायर एजुकेशन कमीशन’ बनाया जाएगा।
तेजी से भूमि अधिग्रहण, हाईवे प्रोजेक्ट्स में देरी कम होगी
देश में हाईवे का जाल और तेजी से बिछाने की सरकार की मंशा है। इसी प्रक्रिया को तेज करने के लिए नेशनल हाईवे अमेंडमेंट बिल लाया जा रहा है। इस बिल का मुख्य उद्देश्य हाईवे भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज और अधिक पारदर्शी बनाना है। इससे नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स में होने वाली देरी कम होगी, जिससे न केवल सरकार के खर्चे कम होंगे, बल्कि यात्रियों को भी असुविधा से मुक्ति मिलेगी।
बिजनेस करना होगा और आसान
व्यावसायिक क्षेत्र में सुधार के लिए कॉर्पोरेट लॉ संशोधन बिल 2025 लाने की तैयारी है। यह बिल कंपनी अधिनियम 2023 और एलएलपी (LLP) अधिनियम 2008 में बदलाव करेगा। इसका सीधा अर्थ है कि ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (Ease of Doing Business) को और सरल बनाया जाएगा, क्योंकि मौजूदा कंपनी अधिनियम थोड़ा कठिन है।
बाजार कानूनों के लिए एकल कोड
सिक्योरिटी मार्केट कोड बिल 2025 का मकसद सभी बाजार कानूनों को मिलाकर एक सरल और एकल कानून में लाना है। इस योजना में सेबी एक्ट, डिपॉजिटरी एक्ट और सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्ट एक्ट एक्ट जैसे कानूनों को मिलाकर एक सरल कानून तैयार करने की योजना है।
चंडीगढ़ पर केंद्र के नियम, विरोध तय
सरकार 131वां संविधान संशोधन बिल भी पेश करेगी। इसमें प्रस्ताव रखा गया है कि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को संविधान के आर्टिकल 240 के दायरे में लाया जाए। आर्टिकल 240 के तहत केंद्र सरकार केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ऐसे रेगुलेशन बना सकती है, जिन्हें कानून का दर्जा प्राप्त होता है। चूंकि चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी है, इसलिए इस बिल को लेकर पंजाब से लेकर हरियाणा तक और दिल्ली की सड़कों पर भी बवाल देखने को मिल सकता है।
कंपनी विवादों का जल्दी निपटारा
ऑर्बिट्रेशन एंड कंसिलिएशन अमेंडमेंट बिल 2025 का उद्देश्य कंपनियों और व्यक्तियों (जैसे कर्मचारियों) के बीच होने वाले विवादों का जल्द निपटारा करना है। कंपनियों और व्यक्तियों के बीच के झगड़े अक्सर सालों तक कोर्ट में लटके रहते हैं, जिसमें काफी समय लगता है। यह बिल इन मामलों को आसानी से निपटाने में मदद करेगा।
क्या है पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार का लक्ष्य देश के विभिन्न क्षेत्रों में आधुनिकीकरण और व्यापार में पारदर्शिता लाना है। ये 10 बिल इसी दिशा में लाए जा रहे हैं। एटॉमिक सेक्टर को निजी निवेश के लिए खोलना हो या शिक्षा और कॉर्पोरेट कानून को सरल बनाना हो, सभी विधेयकों का उद्देश्य व्यवस्था को गति देना और आम नागरिक के लिए जटिलताओं को कम करना है। इन महत्वपूर्ण 10 बिलों पर 15 बैठकों वाले इस सत्र में पूरे देश की नजरें टिकी रहेंगी।
मुख्य बातें (Key Points)
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संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें 15 बैठकें होंगी।
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एटॉमिक एनर्जी बिल 2025 के तहत पहली बार भारतीय और विदेशी निजी कंपनियों को न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की अनुमति मिलेगी।
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हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल के माध्यम से UGC, AICTE, NCTE जैसी संस्थाओं को खत्म करके एकल कमीशन बनाया जाएगा।
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नेशनल हाईवे अमेंडमेंट बिल भूमि अधिग्रहण को तेज और कॉर्पोरेट लॉ संशोधन बिल ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को सरल बनाएगा।






