महाराष्ट्र,14 नवंबर (The News Air): महाराष्ट्र विधानसभा में बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे के नारा खूब चल रहा है। महायुति हर रैली में इस टैगलाइन को बोल रही है। पीएम मोदी से लेकर देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार हर कोई यह नारा बोल रहा है। इसी बीच बीजेपी की विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) पंकजा मुंडे ने इस नारे का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि वह इस स्लोगन को सपोर्ट नहीं करतीं और महाराष्ट्र में इसकी जरूरत भी नहीं है।बीजेपी एमएलसी पंकज मुण्डे ने कहा, ‘सच कहें, तो मेरी राजनीति अलग है। मैं सिर्फ इसलिए इसका समर्थन नहीं करूंगा कि मैं उसी पार्टी से हूं। मेरा मानना है कि हमें विकास पर ही काम करना चाहिए। एक नेता का काम इस भूमि पर प्रत्येक जीवित व्यक्ति को अपना बनाना है। इसलिए, हमें महाराष्ट्र में ऐसा कोई विषय लाने की आवश्यकता नहीं है।’
‘बीड में मर्जी के खिलाफ लड़ा था चुनाव’
पंकजा मुंडे ने यह भी कहा कि उन्होंने बीड लोकसभा क्षेत्र से अपनी इच्छा के खिलाफ चुनाव लड़ा था और उन्हें अपनी हार का बुरा नहीं लगा। पंकजा ने एनसीपी के उम्मीदवार धनंजय मुंडे के पक्ष में मतदान की अपील की। धनरंजय रिश्ते में पंकजा के भाई लगते हैं।
‘मैं हार पर नहीं रोई थी’
भाजपा एमएलसी ने कहा, ‘धनंजय मुंडे के लिए वोट मांगते समय मुझे ऐसा लग रहा है, जैसे मुझे विदाई पार्टी मिल रही है और मैं किसी जिम्मेदारी से मुक्त हो रही हूं। मैंने अपनी इच्छा के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा। मैं अपनी हार पर नहीं रोई, बल्कि तब रोई, जब मेरी हार के बाद किसी ने आत्महत्या कर ली।’ पंकजा 2024 के लोकसभा चुनावों में बीड में कांग्रेस उम्मीदवार बजरंग सोनावणे से करीब 6500 वोटों के अंतर से हार गई थीं।
NCP के पास सीट जाने का पंकजा मुंडे को गम
धनंजय के पक्ष में मतदान की अपील करते हुए पंकजा ने कहा, ‘धनंजय परली के मौजूदा विधायक हैं। लोग ईवीएम पर भाजपा का कमल निशान तलाशेंगे। लोगों को अपने मन में कमल रखकर घड़ी (एनसीपी का चुनाव चिन्ह) का बटन दबाना होगा।’
पंकजा मुंडे को साल 2019 के विधानसभा चुनाव में उनके भाई धनंजय मुंडे ने हरा दिया था। उन्होंने महाराष्ट्र के बीड जिले की परली विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी किया है। वह 2009 से 2019 तक इस सीट से विधायक रही हैं। हालांकि, 2019 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। मौजूदा समय में वह महाराष्ट्र विधान परिषद की सदस्य हैं। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को एक ही चरण में चुनाव होना है, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी।