Pakistan Visa Ban UAE: आर्थिक तंगी और बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान को अब उसके अपने ही ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ वाले दोस्तों से करारा झटका लगा है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने पाकिस्तान के आम नागरिकों के लिए अपने दरवाजे लगभग बंद कर दिए हैं और वीजा आवेदनों को धड़ल्ले से खारिज किया जा रहा है।
‘अपराध और भिखारियों ने बढ़ाई मुसीबत’
यूएई सरकार के इस सख्त कदम के पीछे की वजह बेहद शर्मनाक है। रिपोर्ट के मुताबिक, यूएई प्रशासन इस बात से चिंतित है कि पाकिस्तानी नागरिक वहां जाकर आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं। इतना ही नहीं, विजिट वीजा पर जाने वाले कई पाकिस्तानी वहां नौकरी ढूंढने के बजाय भीख मांगने के धंधे में लिप्त पाए जा रहे हैं।
पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले से खबर है कि सामान्य पासपोर्ट वाले नागरिकों के लिए वीजा पर अघोषित रोक लगा दी गई है। हालात यह हैं कि पाकिस्तानियों के 70 से 80 प्रतिशत वीजा आवेदन बिना किसी देरी के रिजेक्ट किए जा रहे हैं। हालांकि, ब्लू और डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रखने वाले खास लोगों को अभी भी छूट मिल रही है, लेकिन आम जनता पिस रही है।
‘सऊदी अरब ने भी दी थी चेतावनी’
यह पहली बार नहीं है जब किसी मुस्लिम देश ने पाकिस्तान को आईना दिखाया है। इससे पहले सऊदी अरब ने भी पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी। सऊदी सरकार ने कहा था कि मक्का और मदीना जैसे पवित्र स्थलों पर पाकिस्तान से आने वाले भिखारी बड़ी समस्या बन रहे हैं।
आरोप है कि पाकिस्तान से लोग उमराह और हज की आड़ में वहां जाते हैं और फिर वापस लौटने के बजाय वहीं बसकर भीख मांगना और जेब काटने जैसे अपराध शुरू कर देते हैं। इस वजह से वहां का क्राइम रेट बढ़ रहा है और इसमें पाकिस्तानियों की संलिप्तता सबसे ज्यादा पाई गई है। अब यही डर यूएई को भी सता रहा है।
‘रोजगार पर मंडराया संकट’
यूएई पाकिस्तान का एक बड़ा व्यापारिक साझेदार है और वहां लाखों पाकिस्तानी काम करते हैं। हर साल करीब 8 लाख पाकिस्तानी रोजगार की तलाश में खाड़ी देशों का रुख करते हैं। दुबई और अबू धाबी जैसे शहर उनके लिए रोजी-रोटी का मुख्य जरिया रहे हैं।
लेकिन अब इस वीजा रोक को पाकिस्तान के लिए एक बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। ओवरसीज एंप्लॉयमेंट प्रमोटर्स का कहना है कि यूएई सरकार को चिंता है कि लोग वर्क वीजा के बजाय विजिट वीजा पर आकर अवैध रूप से काम कर रहे हैं या भीख मांग रहे हैं। इससे उन लाखों लोगों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है जो विदेश जाकर अपने परिवार का पेट पालना चाहते थे।
‘दुनिया में अलग-थलग पड़ता पाकिस्तान’
पाकिस्तान का पासपोर्ट दुनिया के सबसे कमजोर पासपोर्ट्स में गिना जाता है और अब मुस्लिम देशों द्वारा भी दूरी बनाने से उसकी साख मिट्टी में मिल रही है। भारत ने तो 2025 में ही पाकिस्तान के नागरिकों के लिए सभी वीजा सेवाएं बंद कर दी थीं। इसके अलावा इजराइल, लीबिया और सूडान जैसे देशों में भी पाकिस्तानियों की एंट्री पर सख्त पाबंदियां या अघोषित बैन है। इजराइल तो पाकिस्तान को देश ही नहीं मानता, वहीं लीबिया और सूडान में अस्थिरता और कड़े नियमों के चलते वीजा मिलना नामुमकिन है।
‘जानें पूरा मामला’
पाकिस्तान एक तरफ अपनी आंतरिक कलह और इमरान खान की गिरफ्तारी व मौत की अफवाहों जैसे गृह क्लेश से जूझ रहा है, तो दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। यूएई द्वारा वीजा में सख्ती का यह फैसला पाकिस्तान की गिरती हुई वैश्विक छवि और उसके नागरिकों द्वारा विदेशों में किए जा रहे आचरण का सीधा परिणाम है। जो देश कभी मुस्लिम देशों को एकजुट करने का दम भरता था, आज वही देश उससे कन्नी काट रहे हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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यूएई ने पाकिस्तान के आम नागरिकों को वीजा देना लगभग बंद कर दिया है, 70-80% आवेदन रिजेक्ट हो रहे हैं।
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इसके पीछे की मुख्य वजह पाकिस्तानियों का आपराधिक गतिविधियों और भीख मांगने में शामिल होना बताया जा रहा है।
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इससे पहले सऊदी अरब भी पाकिस्तानी भिखारियों को लेकर चेतावनी जारी कर चुका है।
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भारत ने 2025 में ही पाकिस्तानियों के लिए वीजा सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी थीं।
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यह प्रतिबंध पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और वहां के रोजगार चाहने वाले युवाओं के लिए बड़ा झटका है।






