नई दिल्ली, 28 सितंबर,(The News Air): संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा भारत पर किए गए हमले का कड़ा जवाब देते हुए भारतीय प्रतिनिधि ने तीखा बयान दिया. उन्होंने कहा, “इस महासभा ने आज सुबह एक दुर्भाग्यपूर्ण तमाशा देखा, जहां एक ऐसा देश, जिसे उसकी सेना चलाती है और जिसका वैश्विक स्तर पर आतंकवाद, मादक पदार्थों के व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय अपराधों में नाम है, ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने की हिम्मत की है. मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा अपने भाषण में भारत पर किए गए हमले का जिक्र कर रहा हूं.”
क्या बोले भारतीय प्रतिनिधि?
भारतीय प्रतिनिधि ने पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान ने अपने पड़ोसियों के खिलाफ लंबे समय से आतंकवाद को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने हमारे संसद, हमारी आर्थिक राजधानी मुंबई, बाजारों और तीर्थ यात्राओं पर हमले किए हैं. एक ऐसे देश के लिए, जिसने बार-बार हिंसा का सहारा लिया हो, दूसरों पर हिंसा का आरोप लगाना पाखंड की चरम सीमा है.”
भारतीय प्रतिनिधि ने पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान ने अपने पड़ोसियों के खिलाफ लंबे समय से आतंकवाद को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है. उन्होंने कहा, “पाकिस्तान ने हमारे संसद, हमारी आर्थिक राजधानी मुंबई, बाजारों और तीर्थ यात्राओं पर हमले किए हैं. एक ऐसे देश के लिए, जिसने बार-बार हिंसा का सहारा लिया हो, दूसरों पर हिंसा का आरोप लगाना पाखंड की चरम सीमा है.”
सीमा पार आतंकवाद के गंभीर परिणामः भारत का जवाब
भारत ने पाकिस्तान की ‘रणनीतिक संयम’ की किसी भी योजना का सीधा विरोध किया. भारतीय प्रतिनिधि ने स्पष्ट किया, “आतंकवाद से कोई समझौता नहीं हो सकता. पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के गंभीर परिणाम होंगे.”भारत ने पाकिस्तान की अल्पसंख्यकों के प्रति क्रूर नीतियों और 1971 के नरसंहार की भी निंदा की. भारतीय प्रतिनिधि ने कहा, “यह हास्यास्पद है कि एक ऐसा देश, जिसने 1971 में नरसंहार किया और जो अभी भी अपने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करता है, असहिष्णुता और फोबिया की बात कर रहा है.”
भारत ने पाकिस्तान की ‘रणनीतिक संयम’ की किसी भी योजना का सीधा विरोध किया. भारतीय प्रतिनिधि ने स्पष्ट किया, “आतंकवाद से कोई समझौता नहीं हो सकता. पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के गंभीर परिणाम होंगे.”भारत ने पाकिस्तान की अल्पसंख्यकों के प्रति क्रूर नीतियों और 1971 के नरसंहार की भी निंदा की. भारतीय प्रतिनिधि ने कहा, “यह हास्यास्पद है कि एक ऐसा देश, जिसने 1971 में नरसंहार किया और जो अभी भी अपने अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करता है, असहिष्णुता और फोबिया की बात कर रहा है.”
PAK ने दी थी लादेन को शरणः भारत ने कहा
भारत ने पाकिस्तान पर ओसामा बिन लादेन को शरण देने और वैश्विक स्तर पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया. भारतीय प्रतिनिधि ने कहा, “दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ने लंबे समय तक ओसामा बिन लादेन को शरण दी और उसके आतंकवादी हमलों में बार-बार पाकिस्तान की भूमिका रही है. पाकिस्तान की नीतियों ने समाज के सबसे खराब तत्वों को अपनी ओर आकर्षित किया है.”संयुक्त राष्ट्र में भारत का रुख स्पष्ट और दृढ़ रहा, और भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया. भारतीय प्रतिनिधि ने अंत में कहा, “हमारा रुख स्पष्ट है और इसे बार-बार दोहराने की आवश्यकता नहीं है. पाकिस्तान सत्य को और झूठ से नहीं छिपा सकता.”भारत ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए आतंकवाद के खिलाफ अपनी कड़ी नीति को दोहराया और यह भी कहा कि वह अपने संप्रभु अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है.
भारत ने पाकिस्तान पर ओसामा बिन लादेन को शरण देने और वैश्विक स्तर पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया. भारतीय प्रतिनिधि ने कहा, “दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ने लंबे समय तक ओसामा बिन लादेन को शरण दी और उसके आतंकवादी हमलों में बार-बार पाकिस्तान की भूमिका रही है. पाकिस्तान की नीतियों ने समाज के सबसे खराब तत्वों को अपनी ओर आकर्षित किया है.”संयुक्त राष्ट्र में भारत का रुख स्पष्ट और दृढ़ रहा, और भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया. भारतीय प्रतिनिधि ने अंत में कहा, “हमारा रुख स्पष्ट है और इसे बार-बार दोहराने की आवश्यकता नहीं है. पाकिस्तान सत्य को और झूठ से नहीं छिपा सकता.”भारत ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए आतंकवाद के खिलाफ अपनी कड़ी नीति को दोहराया और यह भी कहा कि वह अपने संप्रभु अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है.