- विधान सभा स्पीकर का सुझाव: विधान सभा मैनुअल को अपनी जि़ंदगी का हिस्सा बनाएँ विधायक
- हमारी बात सुनी होती तो साल भर कृषि कानूनों का झगड़ा न चलता: संजय सिंह
- बुलडोजऱ चलाना ‘‘अच्छा शासन’’ नहीं होता: पी.डी.टी अचारी
चंडीगढ़, 14 फरवरी (The News Air) पंजाब विधान सभा के स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां ने आज कहा कि राज्य के विधायकों को वैधानिक कार्यप्रणाली की सुचारू ढंग से जानकारी देने के लिए दो दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम करवाया जा रहा है।
यहाँ महात्मा गाँधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान में पंजाब के समूह विधायकों के लिए आयोजित दो दिवसीय विशेष ओरिएंटेशन प्रोग्राम को संबोधित करते हुए स्पीकर स. संधवां ने विधायकों को वैधानिक कार्यवाही और इसकी बारीकियों को समझने के लिए विधान सभा मैनुअल को अपनी ज़िंदगी का हिस्सा बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह ओरिएंटेशन प्रोग्राम सभी सदस्यों का मनोबल और ऊँचा करेगा, खासकर उन्होंने सदस्यों का जो पहली बार विधान सभा में चुनकर आए हैं। उन्होंने कहा कि विधायक साहिबान जो कुछ सीखेंगे, वह ज्ञान भविष्य में सदन के अंदर और बाहर उनका मार्गदर्शन करेगा।
इसी तरह पहले सैशन ‘‘अच्छे शासन और वैधानिक निगरानी पर आपसी बातचीत’’ पर बोलते हुए राज्य सभा संसद मैंबर श्री संजय सिंह ने संसद या विधान सभा में लोगों के अहम मुद्दे पर विघ्न (डिसर्पशन) डालने की कार्यवाही को संसदीय प्रणाली का हिस्सा बताया। उन्होंने मिसाल दी कि अगर कृषि कानून ना लाने सम्बन्धी हमारे ‘‘विघ्न’’ को समय रहते देख लिया जाता तो सत्ताधारी पक्ष को एक साल तक संघर्ष ना बर्दाश्त करना पड़ता।
श्री संजय सिंह ने कहा कि स्वर्गीय श्री अरुण जेतली और स्वर्गीय श्रीमति सुषमा स्वराज भी मानते थे कि विरोधी पक्ष द्वारा सदन की कार्यवाही को ‘‘डिसर्पट’’ करना भी लोकतंत्र का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि विधायकों को अपनी बात रखने के लिए शुन्य काल, किसी बिल पर बोलने के समय सुझाव देने और प्राईवेट बिल वाले समय के दौरान बोलने के अवसरों का लाभ लेना चाहिए। विधायक इन अवसरों पर अपने क्षेत्र के लोगों से सम्बन्धित मसले उठा सकते हैं।
उन्होंने विधायकों को बताया कि विधान सभा की विभिन्न समितियों की बैठकों के दौरान विधायक जितनी तैयारी करके जाएंगे, उतना ही लोगों का अधिक से अधिक भला कर सकते हैं।
लोग सभा के पूर्व सचिव जनरल और दिल्ली विधान सभा सलाहकार श्री पी.डी.टी. अचारी ने ‘‘अच्छे शासन’’ के बारे में बोलते हुए कहा कि गुड गवर्नेंस का कभी भी यह अर्थ नहीं है कि किसी का बुलडोजऱ से घर गिरा दिया जाए, बल्कि गुड गवर्नैस का मतलब है कि कानून का राज लागू करना, संविधान को जवाबदेह होते हुए सरकार चलानी और विधानपालिका और कार्यपालिका के आपसी तालमेल के साथ लोगों के कल्याण के लिए काम करना। उन्होंने कहा कि अच्छा शासन देना सरकार का कर्तव्य और ज़िम्मेदारी बनती है।
श्री अचारी ने वैधानिक/संसदीय समितियों को जवाबदेही तय करने के लिए अहम बताया।उन्होंने इस अवसर पर पार्लियामेंट की विभिन्न समितियों की बनावट और कार्यप्रणाली के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि पब्लिक अकाऊंट्स समिति सरकार द्वारा ख़र्च किए जाने वाले एक-एक पैसे का लेखा-जोखा करती है ताकि लोगों के पैसों के सही प्रयोग को सुनिश्चित बनाया जा सके।
इससे पहले मैगसीपा के डायरैक्टर जनरल श्री अनिरुद्ध तिवाड़ी ने ओरिएंटेशन प्रोग्राम में पहुँचे विधायकों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि विधान सभा स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां द्वारा किया गया यह प्रयास सराहनीय है।
इसी तरह लोग सभा सचिवालय दिल्ली की प्राइड संस्था से श्री अजय कुमार सूद और पंजाब विधान सभा स्पीकर के पूर्व सलाहकार और हरियाणा विधान सभा के पूर्व अतिरिक्त सचिव श्री राम नारायण यादव ने संसदीय उपकरण-प्रथाओं और कार्य-विधियों (ध्यानाकर्षण नोटिस, संकल्प, शुन्य काल, प्रश्न काल आदि गतिविधियों पर प्रकाश डाला।