Operation Sindoor 2.0 : पाकिस्तान (Pakistan) और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकियों के खिलाफ की गई सर्जिकल स्ट्राइक और मिसाइल हमलों के बाद अब ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0 (Operation Sindoor 2.0)’ को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। बुधवार रात भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के 9 ठिकानों पर हमले किए गए। इसके ठीक एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को एक सर्वदलीय बैठक (All-Party Meeting) बुलाई, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) समेत प्रमुख विपक्षी नेता भी शामिल हुए।
बैठक से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval) ने पीएम मोदी के आवास पर मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार यह मुलाकात भविष्य की संभावित सैन्य कार्रवाई पर चर्चा को लेकर थी। रिपोर्ट्स का दावा है कि मोदी सरकार एक और एयरस्ट्राइक की तैयारी कर रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत अब और अधिक आक्रामक रुख अपना सकता है।
इस बैठक में सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh), गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah), विदेश मंत्री एस जयशंकर (S. Jaishankar), भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा (J.P. Nadda) और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) शामिल हुए। विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, टीएमसी के सुदीप बंद्योपाध्याय (Sudip Bandyopadhyay), डीएमके के टी.आर. बालू (T.R. Baalu), सपा के रामगोपाल यादव (Ramgopal Yadav), आप के संजय सिंह (Sanjay Singh), शिवसेना (उबाठा) के संजय राउत (Sanjay Raut), राकांपा (SP) की सुप्रिया सुले (Supriya Sule) और बीजद के सस्मित पात्रा (Sasmit Patra) भी उपस्थित रहे।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने बताया कि सरकार सभी दलों को ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देना चाहती थी। बता दें कि जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) के पहलगाम (Pahalgam) में 26 नागरिकों की हत्या के बाद यह सैन्य कार्रवाई की गई थी। सेना ने जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के गढ़ बहावलपुर (Bahawalpur) और लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के अड्डे मुरीदके (Muridke) को भी निशाना बनाया।
24 अप्रैल को सरकार ने पहलगाम हमले की जानकारी देने के लिए पहली सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, और अब दूसरी बैठक में संभावित भविष्य की रणनीतियों पर चर्चा की जा रही है। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब देश में आतंकी गतिविधियों पर कड़ा संदेश देना जरूरी माना जा रहा है। मोदी सरकार की यह सक्रियता यह संकेत देती है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक शुरुआत है और आगे और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।






