The News Air- चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्रीय नियम लागू करने के मुद्दे पर पंजाब के 2 पूर्व CM आमने-सामने हो गए हैं। 5 बार के CM प्रकाश सिंह बादल ने इसे सरासर गुनाह और धक्केशाही क़रार दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र चंडीगढ़ पर पूरी तरह कब्ज़ा करना चाहता है। वहीं 2 बार CM रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह तो कर्मचारियों की मांग थी, जिसे केंद्र सरकार ने पूरा किया। इसमें पंजाब का चंडीगढ़ पर दावा कैसे कमज़ोर हुआ। ऐसा होता तो मैं सबसे पहले इसका विरोध करता।
पेरेंट स्टेट के तौर पर पंजाब की राजधानी बनी चंडीगढ़ : बादल
पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि यह बड़ा गुनाह और धक्का है। चंडीगढ़ पंजाब की राजधानी थी। जब अलग-अलग बोली के आधार पर राज्य बने तो पेरेंट स्टेट को कैपिटल दी गई थी। उस वक़्त यह फ़ैसला हुआ था कि पंजाब और हरियाणा के कितने परसेंट कर्मचारी होंगे। यह मुकम्मल तौर पर चंडीगढ़ पर कब्ज़ा करना चाहते हैं। इससे पहले भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) में भी केंद्र ने यही कुछ किया।
मांग करने वालों में पंजाब के कर्मचारी भी थे शामिल : कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह कर्मचारियों की मांग थी कि उन्हें केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर सारी सेवाओं के लाभ मिलने चाहिए। यह मांग करने वालों में पंजाब से गए कर्मचारी भी शामिल थे। केंद्र ने कर्मचारियों की मांग पूरी कर दी तो इससे चंडीगढ़ पर पंजाब का दावा कैसे कमज़ोर हुआ?। पंजाब के हित के ख़िलाफ़ कोई क़दम उठाया गया तो मैं सबसे पहले विरोध करूंगा।
अकाली दल ने आल पार्टी मीटिंग बुलाने को कहा
चंडीगढ़ में केंद्रीय नियम लागू करने के मुद्दे पर अकाली दल ने CM भगवंत मान से आल पार्टी मीटिंग बुलाने को कहा है। अकाली नेता प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, चरणजीत अटवाल, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल, गुलज़ार सिंह रणिके, डॉ. दलजीत चीमा और हीरा सिंह गाबड़िया ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब पुनर्गठन एक्ट 1966 का उल्लंघन कर चंडीगढ़ को स्थायी तौर पर केंद्रशासित प्रदेश बना रही है। चंडीगढ़ को सिर्फ़ अस्थायी तौर पर UT बनाया गया है।
आप बोली- ज़रूरत पड़ी तो क़ानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे
पंजाब की AAP सरकार में वित्तमंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो इस मुद्दे पर केंद्र के ख़िलाफ़ क़ानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे। इससे पहले CM भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार मज़बूती से इसके ख़िलाफ़ लड़ेगी।