Punjab Govt Financial Assistance Scheme – पंजाब की भगवंत मान सरकार ने राज्य की महिलाओं के लिए एक और बड़ी खुशखबरी दी है। मातृ-शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करने और महिलाओं के कल्याण के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है। सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर (Dr. Baljit Kaur) ने जानकारी दी है कि चालू वित्तीय वर्ष में अब तक गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को 26.06 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जा चुकी है। यह कदम न केवल महिलाओं को आर्थिक संबल देगा, बल्कि नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएगा।
पहले बच्चे पर 5000, दूसरे पर मिलेंगे 6000 रुपये
योजना के तहत, अगर किसी महिला के पहला बच्चा होता है, तो उसे सरकार की ओर से 5,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। यह राशि दो किस्तों में मिलती है—पहली किस्त 3,000 रुपये और दूसरी 2,000 रुपये की होती है। वहीं, अगर दूसरा बच्चा बेटी होती है, तो सरकार 6,000 रुपये की एकमुश्त राशि प्रदान करती है। यह योजना बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
सीधे खाते में आएंगे पैसे
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह पूरी राशि लाभार्थी महिलाओं के बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी जाती है। इससे बिचौलियों का खेल खत्म हो गया है और जरूरतमंद माताओं को समय पर सहायता मिल रही है। अब तक 69,110 महिलाएं इस योजना का लाभ उठा चुकी हैं।
अगले साल 1.14 लाख महिलाओं को मिलेगा लाभ
पंजाब सरकार ने भविष्य के लिए भी बड़ा लक्ष्य रखा है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान इस योजना के तहत 1.14 लाख लाभार्थी महिलाओं को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार का प्रयास है कि कोई भी मां आर्थिक तंगी के कारण जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं और पोषण से वंचित न रहे।
विश्लेषण: महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम (Expert Analysis)
यह योजना सिर्फ पैसों के वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका गहरा सामाजिक प्रभाव भी है। दूसरे बच्चे के रूप में बेटी के जन्म पर अधिक राशि (6,000 रुपये) देना समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देगा। यह कदम कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों पर प्रहार करता है। साथ ही, गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान महिलाओं को अक्सर पोषण की कमी का सामना करना पड़ता है। यह आर्थिक मदद उन्हें बेहतर आहार और चिकित्सा सुविधा लेने में सक्षम बनाएगी, जिससे मातृ और शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी।
आम आदमी पर असर (Human Impact)
गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है। गर्भावस्था के दौरान दवाइयों और चेकअप का खर्च कई बार भारी पड़ता है। ऐसे में सीधे खाते में पैसे आने से महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि आर्थिक तंगी की वजह से किसी बच्चे की परवरिश में कमी न रह जाए।
जानें पूरा मामला (Background)
यह पहल केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों का हिस्सा है, जिसे पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना और कुपोषण से लड़ना है।
मुख्य बातें (Key Points)
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Punjab Government ने गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को 26.06 करोड़ रुपये बांटे।
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पहले बच्चे के जन्म पर ₹5000 और दूसरी बेटी होने पर ₹6000 की मदद मिलेगी।
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राशि सीधे बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए भेजी जाएगी।
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2025-26 में 1.14 Lakh महिलाओं को लाभ देने का लक्ष्य है।
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योजना का उद्देश्य मातृ-शिशु स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करना है।






