The News Air- (नई दिल्ली) दुनियाभर में Corona Virus के नए वैरिएंट ओमीक्रोन (Omicron) को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट हो गई हैं। इस बीच ख़बर है कि कर्नाटक से 10 संदिग्ध लोग लापता हैं। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में भी ऐसे 30 लोगों की तलाश की जा रही है। वहीं, कर्नाटक में ओमिक्रोन से संक्रमित मिले 2 में से एक व्यक्ति भी लापता है। राज्य सरकार के अनुसार, एक निजी लैब से कोविड निगेटिव सर्टिफिकेट मिलने के बाद यह शख़्स लापता हो गया। प्रशासन उन 10 लोगों को भी ढूँढ़ रहा है, जो हवाई अड्डे से ग़ायब हो गए थे।
जानिए Omicron से जुड़ी अपडेट
मुंबई BMC की नई गाइडलाइन: मुंबई में BMC ने होम क्वारैंटाइन को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। अब हर दिन सुबह एयरपोर्ट CEO 24 घंटे में रिस्क और हाई रिस्क कंट्री से आने वाले लोगों की लिस्ट डिजास्टर मैनेजमेंट को भेजेगा। डिजास्टर मैनेजमेंट यह लिस्ट वार्ड ऑफीसर और कोविड वॉर रूम को भेजेगा। कोविड वॉर रूम दिन में 5 बार पैसेंजर की हेल्थ की जानकारी लेंगे। वार्ड ऑफीसर सोसायटी के सेक्रेटरी को होम क्वारैंटाइन वाले व्यक्ति को लेकर नोटिस जारी करेंगे। इसमें विजिटर जाने की मनाही होगी। डॉक्टर्स की टीम भी चेकअप करती रहेगी।
मुंबई मेयर किशोरी पेडनेकर ने कहा-हम ‘जोख़िम देशों से लौटने वाले लोगों के बारे में सतर्क हैं। हवाईअड्डे के अधिकारियों को इन देशों से आगमन पर हमारे आपदा नियंत्रण कक्ष को सूचित करने का निर्देश दिया गया है। हर वार्ड में 10 एंबुलेंस को स्टैंड बाई रखा जाएगा। 288 विदेशी रिटर्न के नमूने ज़ीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए हैं।
अहमदाबाद: ब्रिटेन से लौटा शख़्स कोरोना पॉजिटिव, जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल भेजा गया है।
सचिव, स्वास्थ्य एवं नोडल अधिकारी, चंडीगढ़ यश पाल गर्ग ने बताया-एक महिला साउथ अफ़्रीका से चंडीगढ़ पहुँची थी, जिनका कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया था, उन्हें 7 दिन क्वारंटीन किया गया था। 8वें दिन फिर से टेस्ट होना था, लेकिन वो घर पर नहीं मिली। उन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत FIR दर्ज़ की गई है।
चैनल न्यूज़ एशिया’ के हवाले से सिंगापुर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ओमिक्रोन से संक्रमित दो लोगों ने सिंगापुर से मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की थी। हालांकि उसने माना कि इसके अन्य वैरिएंट से ज़्यादा ख़तरनाक होने का कोई सबूत नहीं मिला है।
WHO के मुताबिक़, ओमिक्रोन दुनिया के 38 देशों में फैल चुका है। हालांकि अभी तक इससे किसी के मरने की कोई ख़बर नहीं है।
कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक ने 3 दिसंबर को टॉप अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इसमें लापता हुए लोगों को तत्काल ढूँढ़ने के निर्देश दिए गए। वहीं, बेंगलुरु महानगरपालिका के कमिश्नर गौरव गुप्ता ने बताया कि ये सभी लोग दक्षिण अफ़्रीका से आए हैं। इन्होंने अपने फ़ोन बंद कर रखे हैं। कर्नाटक सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत 15 जनवरी, 2022 तक सभी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में किसी तरह की कोई कल्चरल एक्टिविटीज नहीं होंगी। मॉल और थियेटर में भी उन्हें ही एंट्री मिलेगी, जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज़ लगवा लिए हैं।
जयपुर में भी एक ही परिवार के 4 लोगों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद सरकार सतर्क हो गई है। ये पिछले हफ़्ते ही दक्षिण अफ़्रीका से लौटे थे। ये 12 अन्य लोगों के भी संपर्क में आए थे। यानी कुल 9 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनके सैंपल ओमिक्रोन वैरिएंट की जांच के लिए भेजे गए हैं।
चंडीगढ़ में भी एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें दक्षिण अफ़्रीका से लौटी एक महिला होम क्वारेंटाइन का नियम तोड़कर फाइव स्टार होटल चली गई।
यह भी जानें-सार्स-कोव-2 वेरिएंट ओमिक्रॉन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड 19 के नए वैरिएंट पर अक्सर पूछे जानेवाले प्रश्नों के उत्तर जारी किए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड 19 के इस नए वेरिएंट को 26 नवंबर 2021 को ओमिक्रॉन (बी.1.1.529) के रूप में वर्गीकृत किया है।
ओमिक्रॉन क्या है और इसे एक चिंताजनक वैरिएंट (वीओसी) क्या बनाता है?
यह सार्स-कोव-2 का एक नया वैरिएंट (संस्करण) है, जिसका पता हाल ही में 24 नवंबर 2021 को दक्षिण अफ़्रीका में चला। यहां इसे बी.1.1.1.529 या ओमिक्रॉन (अल्फा,बीटा,डेल्टा आदि जैसे ग्रीक अक्षरों पर आधारित) नाम दिया गया है। यह वैरिएंट बहुत बड़ी संख्या में उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) दिखाता है, ख़ासकर वायरल स्पाइक प्रोटीन पर यह 30 से अधिक, जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का प्रमुख लक्ष्य है।
ओमिक्रॉन में उत्परिवर्तन की बड़ी संख्या, जो पहले व्यक्तिगत रूप से बढ़ी हुई संक्रामकता और/या प्रतिरक्षा बचाव से जुड़ा हुआ है और दक्षिण अफ़्रीका में इसके पॉजिटीव मामलों की संख्या में अचानक आई तेज़ी को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ओमिक्रॉन को एक चिंताजनक वेरिएंट (वीओसी) घोषित किया है।
क्या वर्तमान में उपयोग की जाने वाली निदान विधियों में ओमिक्रॉन का पता लगाया जा सकता है?
सार्स-कोव-2 वैरिएंट के निदान का सबसे स्वीकृत और आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला तरीक़ा आरटी-पीसीआर विधि है। यह विधि वायरस की उपस्थिति की पुष्टि करने के लिए वायरस में स्पाइक (एस), लिफ़ाफ़ा की तरह (ई) और न्यूक्लियोकैप्सिड (एन) आदि जैसे विशिष्ट जीन का पता लगाती है। हालांकि, ओमिक्रॉन के मामले में, चूंकि स्पाइक एस जीन बहुत अधिक उत्परिवर्तित होता है, कुछ प्राइमरी ऐसे होते हैं, जिससे एस जीन की अनुपस्थिति का संकेत मिलता है (जिसे एस जीन ड्रॉप आउट कहा जाता है)। यह विशेष एस जीन ड्रॉप आउटअन्य वायरल जीन का पता लगाने के साथ-साथ ओमाइक्रोन की नैदानिक विशेषता का भी पता लगाने में भी उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, ओमिक्रॉन वैरिएंट की अंतिम तौर पर पुष्टि के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग की आवश्यकता होती है।
हमें नए चिंताजनक वैरिएंट (वीओसी) को लेकर कितना चिंतित होना चाहिए?
डब्ल्यूएचओ कोविड-19 महामारी विज्ञान में संक्रमण क्षमता या हानिकारक परिवर्तन में वृद्धि; या विषैलापन में वृद्धि या नैदानिक रोग प्रस्तुति में बदलाव; या सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक उपायों या उपलब्ध निदान, टीके, चिकित्सा विज्ञान की प्रभावशीलता में कमी का आकलन करने के बाद ही किसी वैरिएंट को चिंताजनक वैरिएंट (वीओसी) घोषित करता है।
हमें क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
इससे बचने के लिए बरती जाने वाली सावधानियां और उपाय पहले की तरह ही रहेंगे। अपने चेहरे पर ठीक तरीक़े से मास्क लगाना आवश्यक है, टीके की दोनों ख़ुराकें लें (यदि अभी तक टीकाकरण नहीं किया गया है), एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच की दूरी (सामाजिक दूरी) बनाए रखें और जहां तक संभव हो घरों को अधिक से अधिक हवादार बनाए रखें।
क्या कोई तीसरी लहर होगी?
दक्षिण अफ़्रीका के बाहर के देशों से ओमिक्रॉन के मामले तेज़ी से सामने आ रहे हैं और इसकी विशेषताओं को देखते हुए, इसके भारत सहित और अधिक देशों में फैलने की आशंका है। हालांकि, मामलों में वृद्धि का पैमाना और परिमाण तथा सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे होने वाली बीमारी की गंभीरता अब भी स्पष्ट नहीं है। इसके अलावा, भारत में टीकाकरण की तेज़ गति और उच्च सेरोपोसिटिविटी(एंटी बॉडीज का बन जाना) के सबूत के रूप में डेल्टा संस्करण के उच्च जोख़िम को देखते हुए रोग की गंभीरता कम होने का अनुमान है। हालांकि, वैज्ञानिक प्रमाण अब भी विकसित हो रहे हैं।
क्या मौजूदा टीके ओमाइक्रोन के ख़िलाफ़ काम करेंगे?
हालांकि, इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मौजूदा टीके ओमिक्रॉन पर असरदार नहीं होते हैं, लेकिन स्पाइक जीन पर रिपोर्ट किए गए कुछ उत्परिवर्तन मौजूदा टीकों की प्रभावकारिता को कम कर सकते हैं। हालांकि, टीका सुरक्षा रोग प्रतिकारक के साथ-साथ सेलुलर प्रतिरक्षा द्वारा भी है, जिसके अपेक्षाकृत बेहतर संरक्षित होने की उम्मीद है। इसलिए टीकों से अब भी गंभीर बीमारी से सुरक्षा मिलने की उम्मीद है और उपलब्ध टीकों के साथ टीकाकरण महत्वपूर्ण है। यदि पात्र हैं और टीका नहीं लगाया गया है, तो टीकाकरण अवश्य करवाना चाहिए।
वैरिएंट क्यों होते हैं?
वैरिएंट वायरस के विकास का सामान्य हिस्सा हैं और जब तक वायरस संक्रमण बढ़ाने, अपनी प्रतिकृति बनाने और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने में सक्षम है, तब तक वे विकसित होते रहेंगे। इसके अलावा, सभी वैरिएंट ख़तरनाक नहीं होते हैं और अक्सर हम उन्हें देख भी नहीं पाते हैं। उनका पता तभी चलता है, जब वे अधिक संक्रामक होते हैं, या लोगों को फिर से संक्रमित करने लगते हैं। वैरिएंट की वृद्धि को रोकने के लिए सबसे महत्वपूर्ण क़दम इसके संक्रमण को सीमित करना या उसकी संख्या को कम करना है।