Odisha Homeguard Recruitment Exam की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।ओडिशा के संबलपुर जिले में 16 दिसंबर को आयोजित होमगार्ड भर्ती परीक्षा के लिए प्रशासन को किसी स्कूल या कॉलेज के बजाय एक पूरी हवाई पट्टी (Runway) को ही परीक्षा केंद्र में तब्दील करना पड़ा। जमादर पाली एयर स्ट्रिप पर खुले आसमान के नीचे हजारों की संख्या में बैठे युवाओं का यह वीडियो बेरोजगारी की उस कड़वी सच्चाई को बयां कर रहा है, जहां एक छोटी सी नौकरी के लिए भी मारामारी मची हुई है।
An airstrip in Odisha’s Sambalpur turned into an examination hall as a whopping 8,000 candidates appeared for 187 home guard posts that require a minimum qualification of Class V. #Odisha #Airstrip #examination #airport pic.twitter.com/NpFeqgEnra
— Lokmat Times Nagpur (@LokmatTimes_ngp) December 20, 2025
हवाई पट्टी क्यों बनी परीक्षा केंद्र?
संबलपुर में होमगार्ड के महज 187 पदों के लिए भर्ती निकली थी, लेकिन इसके लिए करीब 10,000 आवेदन आए। परीक्षा वाले दिन 8,000 से ज्यादा उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने पहुंच गए। इतने विशाल जनसमूह को एक साथ बैठाने के लिए शहर के स्कूल छोटे पड़ गए। अधिकारियों के मुताबिक, अगर यह परीक्षा स्कूलों में कराई जाती, तो कम से कम 20 अलग-अलग एग्जाम सेंटर्स की जरूरत पड़ती, जिसका इंतजाम करना उस दिन संभव नहीं था। इसलिए प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिहाज से जमादर पाली एयर स्ट्रिप को चुना।
5वीं पास नौकरी, कतार में पोस्ट ग्रेजुएट
इस भर्ती की सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि होमगार्ड पद के लिए न्यूनतम योग्यता सिर्फ ‘5वीं पास’ (5th Pass) रखी गई थी। इसके बावजूद, परीक्षा देने आए उम्मीदवारों में बड़ी संख्या में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवा शामिल थे। यह दृश्य देश में रोजगार के हालात पर गंभीर सवाल खड़े करता है। जिस हवाई पट्टी से विमानों को उड़ान भरनी चाहिए थी, वहां देश का उच्च शिक्षित युवा 5वीं पास की नौकरी पाने के लिए जमीन पर बैठकर परीक्षा दे रहा था।
अनुशासन की मिसाल और सिस्टम की लाचारी
प्रशासन का तर्क है कि पुलिस और सुरक्षा बलों की भर्तियों में खुले मैदानों में परीक्षा कराना कोई नई बात नहीं है। उनका उद्देश्य परीक्षा को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना था, जिसमें वे सफल भी रहे। हजारों की भीड़ होने के बावजूद परीक्षा पूरी तरह अनुशासित रही। लेकिन यह अनुशासन उस मजबूरी को नहीं छिपा सका जो इन युवाओं को यहां खींच लाई थी।
विश्लेषण: उड़ान भरने की जगह पर सपनों का संघर्ष (Analysis)
एक वरिष्ठ संपादक के तौर पर इस घटना का विश्लेषण करें, तो संबलपुर का यह रनवे आज सिर्फ कंक्रीट की सड़क नहीं, बल्कि हमारी शिक्षा व्यवस्था और रोजगार के अवसरों के बीच की खाई का गवाह बन गया है। जब पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री हाथ में लिए युवा 5वीं पास योग्यता वाली नौकरी के लिए तपती धूप या खुले आसमान के नीचे बैठता है, तो यह ‘डेमोग्राफिक डिविडेंड’ (जनसांख्यिकीय लाभांश) का नहीं, बल्कि ‘डेमोग्राफिक डिजास्टर’ का संकेत है। यह भीड़ किसी नेता की रैली के लिए नहीं, बल्कि अपनी आजीविका सुरक्षित करने के लिए जुटी थी, जो सिस्टम के लिए एक वेक-अप कॉल होनी चाहिए।
जानें पूरा मामला
ओडिशा के संबलपुर जिले में 16 दिसंबर को होमगार्ड के 187 पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। आवेदकों की भारी संख्या (10,000) को देखते हुए प्रशासन ने जमादर पाली हवाई पट्टी पर परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया। यहां 8,000 उम्मीदवारों ने एक साथ बैठकर परीक्षा दी, जिसमें उच्च शिक्षित युवाओं की भागीदारी चर्चा का विषय बनी हुई है।
मुख्य बातें (Key Points)
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Odisha Sambalpur में होमगार्ड भर्ती परीक्षा रनवे पर आयोजित की गई।
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187 पदों के लिए 8,000 से ज्यादा उम्मीदवार परीक्षा देने पहुंचे।
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नौकरी के लिए योग्यता 5वीं पास थी, लेकिन ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट भी शामिल हुए।
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स्कूलों की कमी और भीड़ प्रबंधन के कारण एयर स्ट्रिप को चुना गया।






