नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) स्टॉक ऑप्शंस में फिर से ‘Do not exercise’ इंस्ट्रक्शन शुरू करने जा रहा है। यह स्टॉक ऑप्शंस (Stock Options) के लिए होगा। यह 28 अप्रैल से शुरू हो जाएगा। एनएसई (NSE) ने पिछले साल अक्टूबर में इसे बंद कर दिया था। इस बारे में देश के सबसे बड़े एक्सचेंज ने सोमवार को सर्कुलर जारी किया।
पहली बार ‘डू नॉट एक्सरसाइज’ इंस्ट्रक्शन 2017 में शुरू किया गया था। ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट के कैश-सेटलमेंट के दौरान यह ऑप्शन ट्रेडर्स को सुरक्षा देता था। फिजिकल डिलीवरी सेटलमेंट शुरू होने के बाद इसकी जरूरत नहीं रह गई, क्योंकि सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) चुकाने का रिस्क नहीं रह गया था।
इस साल की शुरुआत में जेरोधा (Zerodha) के को-फाउंडर नितिन कामत (Nithin Kamath) सहित कुछ मार्केट पार्टिसिपेंट ने ‘Do not exercise’ इंस्ट्रक्शन हटाने के नुकसान के बारे में बताया था। उनका कहना था कि इसे हटाने से उन ट्रेडर्स को भारी नुकसान का खतरा पैदा हो गया है, जिनकी आउट-ऑफ-मनी ऑप्शंस में पॉजिशन एक्सपायारी के वक्त अचानक इन-द-मनी बन जाती है।
अभी जो व्यवस्था है, उसमें ट्रेडर्स के लिए एक्सपायरी से पहले अपनी मौजूदा इन-द-मनी पॉजिशन को स्कावयर ऑफ करना या फिजिकल डिलीवरी पूरा करना अनिवार्य है। एक्सपायरी के वक्त पुट ऑप्शन बायर के लिए इन-द-मनी कॉन्ट्रैक्ट्स होना खासकर बहुत मुश्किल पैदा करने वाला हो गया है, क्योंकि उसे ऑक्शन में शेयरों को खरीदकर पुट राइटर को देना पड़ता है।
इस साल जनवरी में यह रिस्क तब सामने आया जब कई ट्रेडर्स ने दिसंबर में एक्सपायरी वाले हिंडाल्को इंडस्ट्रीज के आउट-ऑफ-मनी पुट ऑप्शंस में भारी नुकसान होने की शिकायत की। दरअसल, एक्सपायरी के दिन सत्र के आखिर में शेयर प्राइस में अचानक आई गिरावट के चलते इन ट्रेडर्स की पॉजिशन अचानक इन-द-मनी हो गई।
इससे ऐसे कई रिटेल इनवेस्टर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ा, जिन्होंने हिंडाल्को के आउट-ऑफ-मनी पुट ऑप्शंस खरीदे थे। दरअसल, उन्हें अक्टूबर 2021 में लागू हुए नए नियमों के बारे में जानकारी नहीं थी। ‘Do not exercise’ इंस्ट्रक्शन का सिस्टम शुरू हो जाने के बाद ऑप्शन ट्रेडर्स ब्रोकर्स को स्पष्ट रूप से ऑप्शन एक्सरसाइज नहीं करने का इंस्ट्रक्शन दे सकेंगे। इससे उनकी आउट-ऑफ-मनी पॉजिशंस अपने आप (automatically) स्कावयर-ऑफ हो जाएगी।