PFRDA NPS exit rules 2025: पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने नौकरीपेशा और आम नागरिकों को एक बड़ी खुशखबरी दी है। अब आपकी रिटायरमेंट की बचत केवल बुढ़ापे का सहारा नहीं रहेगी, बल्कि जरूरत पड़ने पर आज भी काम आएगी। PFRDA ने नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) के एग्जिट और निकासी नियमों में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए अब इसके बदले Loan लेने और बीमारी के इलाज के लिए पैसे निकालने की शर्तों को बेहद आसान बना दिया है।
अब तक NPS का पैसा पूरी तरह लॉक माना जाता था, लेकिन नए नियमों के नोटिफाई होने के बाद अब सब्सक्राइबर किसी भी रेगुलेटेड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से अपनी जमा पूंजी के आधार पर वित्तीय मदद ले सकेंगे।
पेंशन फंड को ‘गिरवी’ रखकर मिलेगा लोन
नए नियमों के मुताबिक, अब NPS में निवेश करने वाले लोग जरूरत पड़ने पर अपने फंड के बदले Loan ले सकते हैं। लोन देने वाली संस्था (बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन) को सब्सक्राइबर के NPS Account पर ‘लियन’ (Lien) या चार्ज लगाने की अनुमति दे दी गई है। आसान भाषा में समझें तो आप अपनी पेंशन पॉलिसी को गारंटी के तौर पर इस्तेमाल कर कर्ज ले सकते हैं। पहले नियम बहुत सख्त थे और NPS पर किसी भी तरह का गिरवी या चार्ज मान्य नहीं था, लेकिन अब इस पाबंदी को हटा दिया गया है ताकि बचत सुरक्षित भी रहे और मुसीबत में काम भी आए।
कितनी रकम पर मिलेगी सुविधा?
यह सुविधा आपकी पूरी जमा राशि पर नहीं मिलेगी। PFRDA ने स्पष्ट किया है कि ‘लियन’ (Lien) की सीमा सब्सक्राइबर द्वारा किए गए अपने योगदान (Own Contribution) के अधिकतम 25% तक ही सीमित रहेगी। यह वही सीमा है जो अभी तक आंशिक निकासी (Partial Withdrawal) के लिए लागू होती थी। यानी आप अपने द्वारा जमा किए गए पैसे के एक चौथाई हिस्से का इस्तेमाल लोन लेने के लिए गारंटी के रूप में कर सकेंगे।
बीमारी के इलाज के लिए निकासी का दायरा बढ़ा
मेडिकल इमरजेंसी के समय पैसे निकालने के नियमों में भी बड़ी राहत दी गई है। पहले NPS से केवल कुछ चुनिंदा गंभीर बीमारियों के लिए ही पैसा निकाला जा सकता था और उसकी एक लिस्ट होती थी। लेकिन अब इस दायरे को काफी बढ़ा दिया गया है। अब सब्सक्राइबर अपने, जीवन साथी, बच्चों या माता-पिता के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर पैसा निकाल सकेंगे। सबसे खास बात यह है कि अब किसी खास बीमारी की सूची तय नहीं की गई है, यानी किसी भी तरह के हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत पड़ने पर फंड का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
संपादक का विश्लेषण: रिटायरमेंट और जरूरत का संतुलन
एक वरिष्ठ Editor के तौर पर इस बदलाव को देखें, तो यह NPS को एक फिक्स्ड प्रोडक्ट से बदलकर एक ‘फ्लेक्सिबल एसेट’ बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। अक्सर लोग NPS में निवेश करने से इसलिए हिचकिचाते थे क्योंकि इसमें लॉक-इन पीरियड लंबा होता था और आपातकाल में पैसा नहीं मिलता था। अब लोन की सुविधा और मेडिकल निकासी में ढील देने से यह स्कीम Provident Fund (PF) को कड़ी टक्कर देगी। यह बदलाव मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए संजीवनी का काम करेगा, जिन्हें अचानक आई मुसीबत के वक्त अपनी भविष्य की सुरक्षा दांव पर लगानी पड़ती थी।
घर खरीदने के लिए ‘वन टाइम’ निकासी
गजट नोटिफिकेशन में घर खरीदने या बनाने के लिए पैसे निकालने के नियम को भी स्पष्ट किया गया है। मौजूदा व्यवस्था के तहत आप घर के लिए आंशिक निकासी कर सकते हैं, बशर्ते सब्सक्राइबर के पास पैतृक संपत्ति के अलावा कोई और घर न हो। नए नियमों में इसे अब स्पष्ट रूप से ‘वन टाइम’ निकासी बताया गया है, यानी इस सुविधा का लाभ एक ही बार लिया जा सकेगा।
जल्द जारी होगी विस्तृत गाइडलाइन
PFRDA ने बताया है कि लोन वाली इस नई सुविधा को जमीन पर उतारने के लिए जल्द ही एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी। इसमें कर्ज देने वाले लेंडर्स, बिचौलियों और रिकॉर्ड रखने वाली एजेंसियों के लिए पूरी प्रक्रिया और शर्तें तय होंगी, ताकि आम आदमी को इसका लाभ लेने में कोई तकनीकी दिक्कत न आए।
आम आदमी पर असर
इस फैसले का सीधा असर आम आदमी की जेब और मानसिक शांति पर पड़ेगा। पहले बीमारी या बच्चों की शादी जैसी जरूरतों के लिए लोगों को पर्सनल लोन लेना पड़ता था जिसकी ब्याज दरें बहुत ऊंची होती थीं। अब वे अपनी ही जमा पूंजी के आधार पर सस्ता लोन ले सकेंगे या पैसा निकाल सकेंगे, जिससे उन पर आर्थिक बोझ कम होगा।
मुख्य बातें (Key Points)
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NPS सब्सक्राइबर अब अपने फंड के बदले फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन से Loan ले सकेंगे।
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लोन के लिए ‘लियन’ की सीमा सब्सक्राइबर के योगदान का अधिकतम 25% होगी।
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मेडिकल निकासी के लिए अब बीमारियों की कोई फिक्स लिस्ट नहीं, परिवार के इलाज के लिए भी पैसा मिलेगा।
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घर खरीदने के लिए आंशिक निकासी की सुविधा ‘वन टाइम’ के तौर पर जारी रहेगी।






