संगरूर, 21 अप्रैल (The News Air) पंजाब सरकार द्वारा राज्य को नशा मुक्त करने के लिए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत सिंह मान के दिशा-निर्देशों के तहत चलाई जा रही ‘युद्ध नशों विरुद्ध’ मुहिम की प्रगति के बारे में समीक्षा करने के लिए ज़िला प्रशासनिक कॉम्प्लेक्स में बुलाई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की बैठक के दौरान पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि पंजाब को स्वस्थ, रोजगार युक्त और रंगला पंजाब बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं और नेक नीयत से नीति बनाकर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि नशा पीड़ितों को नशा छुड़ाओ केंद्रों में सर्वोत्तम इलाज सुविधाएं, योगा, मेडिटेशन करवाने के बाद कृषि, आई.टी सेक्टर, औद्योगिक प्रशिक्षण, फूड इंडस्ट्री आदि सहित अनेकों कौशल विकास कोर्स करवाने के भी विशिष्ट प्रयास किए जा रहे हैं और यह प्रशिक्षण समूह आधारित होगा ताकि सरकारी योजनाओं के सब्सिडी कंपोनेंट के तहत 2 लाख रुपये से लेकर 25 लाख रुपये तक के कर्जे बैंकों के माध्यम से दिलवाए जा सकें और ऐसे व्यक्ति स्वरोजगार के समर्थ बनते हुए समाज की मुख्य धारा में शामिल होकर खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकें।
उन्होंने बताया कि ज़िला संगरूर में सरकारी और प्राइवेट तौर पर चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों में नशा पीड़ितों के लिए बिस्तरों की व्यवस्था बढ़ाने के लिए प्रबंध किए गए हैं जिसके तहत सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में 10 बिस्तर, रेड क्रॉस केंद्र में 15 बिस्तर और 7 प्राइवेट केंद्रों में 65 बिस्तरों की व्यवस्था को बढ़ाने के लिए भवानीगढ़ और संगरूर के नर्सिंग कॉलेजों में 50-50 बिस्तर और पुनर्वास केंद्र में भी 50 बिस्तरों का प्रबंध किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि ज़िला संगरूर में 150 से 200 और बिस्तरों का प्रबंध करने के लिए भी योजना प्रगति अधीन है।
कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने ऐलान किया कि जो नशा पीड़ित व्यक्ति नशा छुड़ाओ केंद्रों में से अपना इलाज अधूरा छोड़कर फरार होंगे तो पकड़े जाने पर उन्हें दोबारा नशा छुड़ाओ केंद्र में भर्ती करवाने की जगह जेलों के अंदर भेजा जाएगा और उनके परिवारों को सरकार द्वारा सरकारी योजनाओं के तहत दी जा रही सभी सब्सिडियां बंद कर दी जाएंगी।
कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि नशे की गिरफ्त में फंसे व्यक्तियों को स्वस्थ करने के प्रयासों में बाधा डालने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने नशे के काले कारोबार से जुड़े बुरे तत्वों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि पंजाब में नशा बेचने वालों का अंजाम बहुत बुरा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति नशीली दवाइयों, नशे की गोलियों, मिलावटी भोजन और खाद्य पदार्थों के माध्यम से जानबूझकर जहर परोस रहे हैं उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि युद्ध नशे के विरुद्ध मुहिम का एक ही मकसद पंजाब की जवानी और आने वाली पीढ़ियों को नशे की दलदल में गिरने से बचाना है जिसकी पूर्ति हेतु आप सरकार जहां खेलें वतन पंजाब कीयां के माध्यम से राज्य में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित कर रही है वहीं लगातार जागरूकता के कारण नशा पीड़ितों के माता-पिता और परिवारिक सदस्य अपने बच्चों को इस सामाजिक बुराई से छुटकारा दिलवाने के लिए सरकार को सहयोग देते हुए नशा छुड़ाओ केंद्रों में दाखिल करवाने लग पड़े हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि राज्य में फैले नशे के जाल को तोड़ने के लिए जहां पंजाब पुलिस सार्थक भूमिका निभा रही है वहीं विशेष फ्लाइंग स्क्वाड का गठन भी किया जा रहा है जो नशीली दवाइयों की बिक्री और सप्लाई चेन को तोड़ने में सक्रिय योगदान देगा। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक संस्थानों के नजदीक टॉफियों, ठंडे सोड़ों की आड़ में बिकती नशीले तत्वों वाली वस्तुओं की बिक्री पर पूर्ण पाबंदी लगाई गई है जिसके बारे में माता-पिता और अध्यापकों को भी अधिक सचेत होते हुए बच्चों पर नजर रखने की जरूरत है।
बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने ज़िला संगरूर में मच्छरों और गंदे पानी से पैदा होने वाले रोगों की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान तेज करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में पीने वाले पानी के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे जाएं। उन्होंने फूड सेफ्टी वैन के माध्यम से भी खाद्य पदार्थों की चेकिंग बढ़ाने के आदेश दिए। स्वास्थ्य मंत्री ने डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए किए प्रबंधों की भी समीक्षा की।
बैठक के दौरान विधायक नरिंदर कौर भराज, एस.एस.पी सरताज सिंह चाहल, ए.डी.सी अमित बंबी, ए.डी.सी विकास सुखचैन सिंह पापड़ा, एस.पी नवनीत सिंह विर्क, एस.डी.एम चरनजोत सिंह वालिया, सिविल सर्जन डॉ. संजय कामरा सहित अन्य अधिकारी भी हाजिर थे।