The News Air: पाकिस्तान सरकार एक और कड़ा फैसला लेने जा रही है। आम आदमी के बाद अब मंत्रियों और बड़े अधिकारियों की बारी है। सरकार मंत्रियों और सलाहकारों की अलाउन्सेज और यात्रा भत्तों में कटौती करने जा रही है। खर्च घटाने की दिशा में इसे एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे एक साल में 200 अरब रुपये की बचत होगी। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद इस बारे में बुधवार को बताया।
इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए कई कड़ी शर्तें रखी हैं। चूंकि पाकिस्तान के बाद अपनी इकोनॉमी को डूबने से बचाने के लिए दूसरा कोई रास्ता नहीं है, इसलिए वह IMF की सभी शर्तें मान रहा है। अगर पाकिस्तान को आईएमएफ से कर्ज नहीं मिला तो वह गंभीर संकट में फंस जाएगा। उसकी अर्थव्यवस्था डूब जाएगी। इसकी वजह यह है कि उसके पास विदेशी मुद्रा बहुत कम बचा है। इनफ्लेशन का स्तर आसमान में पहुंच चुका है। दूध, ब्रेड, आटा जैसी रोजमर्रा की चीजों के दाम आम आदमी के पहुंच से बाहर निकल चुके हैं। इससे लोगों में जबर्दस्त गुस्सा है। आए दिन लोग सड़कों पर उतर अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि केंद्र सरकार के सभी मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों को अपने खर्च में 15 फीसदी तक कटौती करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने मंत्रियों और एडवाइजर्स को अपनी सैलरी, अलाउन्सेज, लग्जरी कार, विदेशी यात्रा और बिजनेस क्लास में हवाई यात्रा में कमी करने को कहा है। उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने उनकी सलाह पर अमल करने की सहमति जताई है।
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरीफ ने कहा, “खर्च घटाने के इन उपायों से सालाना 200 अरब रुपये तक की बचत होगी।” उन्होंने कहा कि आईएमएफ से पैसा जल्द मिल जाने की उम्मीद है। दरअसल, कर्ज देने से पहले आईएमएफ ने यह कहा था कि सरकार को खर्च घटाने के लिए सख्त फैसले लेने होंगे। अधिकारियों का कहना है कि आईएमएफ और पाकिस्तान सरकार के अधिकारियों के बीच बातचीत इस हफ्ते अंजाम तक पहुंच जाएगी।
इससे पहले पाकिस्तान ने अपना रेवेन्यू बढ़ाने के लिए कई चीजों पर टैक्स बढ़ा दिया था। इसके अलावा कई चीजों पर लोगों को दी जारी सब्सिडी में भी कमी की गई थी। आईएमएफ ने कहा था कि सरकार को सिर्फ जरूरतमंद लोगों को ही सब्सिडी देनी चाहिए। जो लोग ज्यादा टैक्स चुका सकते हैं, उन पर टैक्स का बोझ बढ़ाया जाना चाहिए। सरकार ने आईएमफ की यह बात मान ली थी।