चंडीगढ़, 16 अप्रैल (The News Air) घर से भागकर विवाह करने वाले जोड़ों को राहत देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पंजाब सरकार ने एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रक्रिया (एसओपी) नोटीफाई की है, जिसके तहत ऐसे जोड़े (कपल्ज़) माननीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के बजाय अपने निकटतम पुलिस स्टेशन में सुरक्षा मांग सकते हैं। यह नई अधिसूचित एसओपी उन जोड़ों को राहत देने के लिए लायी गई है, जिन्हें सामाजिक या पारिवारिक विरोध के कारण जानी नुकसान या अन्य धमकियों का सामना करना पड़ता है।
यह एसओपी माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए लायी गई है और इसका उद्देश्य सुरक्षा मांगने वालों के लिए संरचनात्मक सुरक्षा प्रणाली लागू करना है।
इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए पंजाब पुलिस के सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि इस एसओपी के तहत पंजाब के प्रत्येक पुलिस स्टेशन में कम से कम सहायक सब-इंसपैक्टर रैंक तक का एक मनोनीत अधिकारी होगा, जिसका जिम्मा विशेष रूप से ऐसे जोड़ों की सुरक्षा संबंधी आवेदनों पर विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के तहत आवेदन प्राप्त होने के तीन दिन के अंदर निर्णय लेना अनिवार्य किया गया है ताकि इस संबंध में तेजी से कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। इसके अतिरिक्त, अधिक संवेदनशील मामलों में, जिनमें संभावित खतरे का अंदेशा हो, आवेदक को तुरंत अंतरिम सुरक्षा प्रदान की जा सकती है।
प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों (सीपीज़/एसएसपीज़) को जीवन और स्वतंत्रता को खतरे में डालने वाले ऐसे मामलों को हल करने के लिए प्रत्येक जिला पुलिस कार्यालय में 24 घंटे समर्पित हेल्प डेस्क प्रदान करने के लिए कहा गया है।
गौरतलब है कि सहायता लेने के इच्छुक जोड़े पंजाब पुलिस की 24 X 7 हेल्पलाइन 181 पर कॉल करके इस सुविधा की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इस एसओपी के तहत ऐसे जोड़ों को मिल रही धमकियों की संवेदनशीलता को देखते हुए सहायता मांगने वालों को सुरक्षित ठहराव प्रदान करना और राज्य/जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण के माध्यम से मुफ्त कानूनी सहायता की सुविधा अनिवार्य की गई है ताकि जरूरतमंदों के लिए व्यापक सहायता सुनिश्चित की जा सके।
इस एसओपी में एक अपील विधि भी शामिल है, यदि आवेदक की सुरक्षा की मांग को खारिज किया जाता है, तो ऐसे जोड़ें तीन दिनों के भीतर अपील प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं, जिसका निर्णय सात दिनों के अंदर किया जाएगा।
इसके साथ ही सीपीज़/एसएसपीज़ को इस एसओपी के प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी के लिए सभी जिलों में त्रैमासिक समीक्षा बैठकें करने के लिए भी कहा गया है।