Yamuna Dispute पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (25 फरवरी) को एक अहम टिप्पणी करते हुए उम्मीद जताई कि दिल्ली (Delhi) में सरकार बदलने से अब यमुना से जुड़े सभी विवाद सुलझ सकते हैं। चाहे वह यमुना नदी में प्रदूषण का मामला हो या फिर पड़ोसी राज्य हरियाणा (Haryana) से उचित जल आपूर्ति का मुद्दा, अब सभी समस्याओं के समाधान की संभावना जताई गई है।
पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार लंबे समय से हरियाणा सरकार से जल आपूर्ति के मुद्दे पर संघर्ष कर रही थी। यह मामला खास तौर पर गर्मियों के दौरान चर्चा में रहता था जब दिल्लीवासियों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता था।
सुप्रीम कोर्ट का स्वत: संज्ञान और सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पीठ इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रही थी। यह प्रक्रिया जनवरी 2021 में शुरू हुई थी जब शीर्ष अदालत ने यमुना नदी के जल बंटवारे और प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं पर खुद संज्ञान लिया था।
मंगलवार को जब जस्टिस बीआर गवई (BR Gavai) की पीठ में सुनवाई हो रही थी, तो एमिकस क्यूरी (Amicus Curiae) मीनाक्षी अरोड़ा (Meenakshi Arora) ने दिल्ली और हरियाणा सरकारों के बीच जल विवाद की स्थिति पर जानकारी दी। इस पर जस्टिस गवई ने टिप्पणी करते हुए कहा, “अब तो सरकार बदल गई है। ऐसे में सभी विवाद सुलझ जाने चाहिए।”
अब राजनीतिक बदलाव से होगा समाधान?
यमुना नदी (Yamuna River) का उद्गम उत्तराखंड (Uttarakhand) में होता है और यह हरियाणा में प्रवेश करने से पहले उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सहारनपुर (Saharanpur) से होकर गुजरती है। दिल्ली में प्रवेश करने से पहले यह हरियाणा की सीमा से लगभग 95 मील का सफर तय करती है।
अब दिल्ली समेत सभी राज्यों में एक ही राजनीतिक पार्टी की सरकार है। पहले जहां दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार थी, वहीं अब राजनीतिक परिदृश्य बदल गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि अब राजनीतिक एकरूपता के कारण जल विवाद और प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं का समाधान तेजी से किया जा सकता है।
यमुना की सफाई पर उठा था बड़ा चुनावी मुद्दा
हालिया चुनावों में यमुना नदी की सफाई एक बड़ा चुनावी मुद्दा था। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आप सरकार (AAP Government) पर यमुना की स्थिति सुधारने में नाकाम रहने का आरोप लगाया था।
अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की अगुवाई में आप सरकार ने 2020 के चुनावों में यमुना को साफ करने का वादा किया था, लेकिन नतीजे उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहे। चुनाव प्रचार के दौरान आप ने यह भी दावा किया कि यमुना के पानी में जानबूझकर जहर मिलाया गया।
क्या नई सरकार के साथ सुलझेगा विवाद?
सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से आशा जताई है कि अब जब सभी राज्यों में एक ही पार्टी की सरकार है, तो यमुना विवाद का समाधान जल्द ही निकाला जा सकता है। कोर्ट ने इस मामले में बेहतर क्रियान्वयन की संभावना जताई है और जल संकट के स्थायी समाधान की आवश्यकता पर बल दिया है।
अब देखना यह होगा कि सरकार इस मुद्दे पर कितनी गंभीरता से कार्रवाई करती है और क्या दिल्लीवासियों को जल संकट से राहत मिल पाती है या नहीं।