The News Air (चंडीगढ़)- कृषि सुधार क़ानून वापसी की घोषणा होते ही पंजाब के पूर्व CM कैप्टन अमरिंदर सिंह फ्रंट फुट पर आ गए हैं। पहली बार उन्होंने किसान आंदोलन जारी रखने का विरोध किया है। अमरिंदर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफ़ी मांग ली है। नेशनल अपील भी कर दी है। 10 दिन बाद संसद सत्र लग रहा है। ऐसे में अब वहाँ आंदोलन में क्यों बैठे हुए हो। अमरिंदर ने यह बात तब कही, जब उनसे पूछा गया कि किसान नेताओं ने और भी मांगें रख दी हैं, जिन्हें पूरा करने तक आंदोलन ख़त्म न करने की बात कही है।
अब तक आंदोलन के समर्थन में रहे, सियासी भविष्य भी जोड़ा
यह बयान इसलिए अहम है, क्योंकि अमरिंदर अब तक किसान आंदोलन के समर्थन में रहे हैं। यहां तक कि उन्होंने पंजाब में अपना सियासी भविष्य भी इससे जोड़ लिया था। अब पीएम मोदी ने क़ानून वापसी की घोषणा कर दी तो अमरिंदर आंदोलन चालू रखने के हक़ में नहीं हैं। कैप्टन ने कहा कि 10 दिन बाद 29 नवंबर को संसद सत्र होगा। इसके लिए बिल लाया जाएगा और क़ानून वापस हो जाएंगे।
झगड़ा 3 क़ानूनों का था, ऐसे तो आंदोलन ख़त्म नहीं होगा
अमरिंदर ने कहा कि झगड़ा तीन क़ानूनों से शुरू हुआ था। उसे प्रधानमंत्री ने वापस ले लिया है। बाकी जो मुद्दे हैं, उन पर बातचीत होनी चाहिए। अब और क़ानूनों की बात करेंगे तो यह आंदोलन कभी ख़त्म नहीं होगा। किसानों को पीएम और उनकी टीम के साथ बैठना चाहिए। कमेटी बनती है तो उसमें शामिल होकर अपने हिसाब से क़ानून बनवा लेने चाहिएं।
पंजाब पर ज़्यादा असर डाल रहा था क़ानून
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि यह क़ानून असम और कर्नाटक में लागू नहीं है। APMC एक्ट जैसा क़ानून पंजाब में प्रभाव डालता है, क्योंकि ये यहां लागू है। यह क़ानून हमारे किसानों और उनके बच्चों को प्रभावित करता है। हालांकि अब यह वापस हो गया है तो किसानों को वापस लौटकर ख़ुशी मनानी चाहिए।