Pakistan Sanskrit Education को लेकर सरहद पार से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसे शैक्षणिक और सांस्कृतिक नजरिए से ऐतिहासिक माना जा रहा है। बंटवारे के दशकों बाद अब पाकिस्तान की एक प्रतिष्ठित University में संस्कृत के श्लोक गूंजेंगे और छात्रों को औपचारिक रूप से इस प्राचीन भाषा का पाठ पढ़ाया जाएगा।
इतिहास में पहली बार संस्कृत की कक्षा
भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद यह पहला मौका है जब पड़ोसी मुल्क में संस्कृत भाषा की औपचारिक पढ़ाई शुरू की गई है। लाहौर यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज (LUMS) ने संस्कृत भाषा का एक विशेष Course शुरू किया है। इस अनूठी पहल की शुरुआत तीन महीने की एक Weekend Workshop से हुई थी, जिसमें वहां के छात्रों, शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों ने बड़ी संख्या में दिलचस्पी दिखाई।
महाभारत के गीत से हो रही पढ़ाई
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस Course को छात्रों के लिए दिलचस्प और व्यावहारिक बनाने पर खास जोर दिया जा रहा है। पढ़ाई के एक हिस्से के तौर पर छात्रों को प्रसिद्ध TV Series ‘महाभारत’ का Theme Song “कथा संग्राम की” का उर्दू अनुवाद भी सिखाया जा रहा है। इसका मुख्य मकसद संस्कृत साहित्य को वहां की स्थानीय भाषाओं और सांस्कृतिक संदर्भों से जोड़ना है, ताकि छात्र भाषा के साथ-साथ उसकी ऐतिहासिक गहराई को भी समझ सकें।
पंजाब यूनिवर्सिटी में छिपा है खजाना
इस पहल के पीछे एक गहरा इतिहास भी है। दरअसल, पंजाब University की Library में संस्कृत की कई दुर्लभ और बेशकीमती पांडुलिपियां (Manuscripts) आज भी सुरक्षित हैं। 1930 के दशक में विद्वान जेसी आर वूलनर ने ताड़ के पत्तों पर लिखी इन पांडुलिपियों का एक महत्वपूर्ण संग्रह तैयार किया था। हालांकि, 1947 के बाद से किसी भी पाकिस्तानी शिक्षाविद ने इस खजाने पर गंभीर शोध नहीं किया और इनका इस्तेमाल ज्यादातर विदेशी शोधकर्ता ही करते रहे। अब नए Course से स्थानीय छात्रों को अपनी इस साझा धरोहर पर शोध करने का मौका मिलेगा।
भविष्य में गीता और महाभारत के बनेंगे एक्सपर्ट
LUMS का लक्ष्य सिर्फ यहीं रुकना नहीं है, बल्कि आने वाले समय में संस्कृत से जुड़े और भी Course शुरू करने की योजना है। इसमें महाभारत और भगवत गीता पर आधारित विशेष Academic Course भी शामिल हो सकते हैं। दावा किया जा रहा है कि अगले 10 से 15 सालों में पाकिस्तान में भी भगवत गीता और महाभारत के Expert उभरकर सामने आ सकते हैं।
दीवार नहीं पुल बनेगी भाषा
पाकिस्तानी Experts का मानना है कि भाषाओं में मानव सभ्यता का गहरा ज्ञान छिपा होता है। पहले वहां अरबी और फारसी सीखी गई और अब संस्कृत का अध्ययन शुरू हुआ है। विद्वानों का कहना है कि संस्कृत को किसी एक धर्म से जोड़कर देखना गलत होगा, क्योंकि यह पूरे South Asia की साझा विरासत है। अगर दोनों देशों के लोग एक-दूसरे की शास्त्रीय परंपराओं को समझने की कोशिश करेंगे, तो भाषाएं दीवार नहीं बल्कि पुल का काम करेंगी।
मुख्य बातें (Key Points)
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पाकिस्तान के लाहौर में LUMS ने पहली बार संस्कृत भाषा का औपचारिक Course शुरू किया है।
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छात्रों को महाभारत Series के Theme Song का उर्दू अनुवाद सिखाया जा रहा है।
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पंजाब University में मौजूद दुर्लभ संस्कृत पांडुलिपियों पर अब स्थानीय छात्र शोध कर सकेंगे।
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भविष्य में भगवत गीता और महाभारत पर आधारित Academic Courses शुरू करने की योजना है।






