Cashless Treatment Scheme : केंद्र सरकार (Central Government) ने देश के नागरिकों को सड़क दुर्घटना के मामलों में बड़ी राहत दी है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) द्वारा मंगलवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, अब किसी भी सड़क दुर्घटना (Road Accident) में घायल व्यक्ति को कैशलेस ट्रीटमेंट (Cashless Treatment) योजना के तहत 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। यह सुविधा 5 मई 2025 से पूरे देश (Pan India) में लागू हो गई है।
सरकार द्वारा जारी की गई गैजेट अधिसूचना (Gazette Notification) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जो मोटर वाहन (Motor Vehicle) से हुई किसी भी सड़क दुर्घटना का शिकार होता है, उसे इस योजना के अंतर्गत सात दिनों तक किसी भी मान्यता प्राप्त अस्पताल (Recognized Hospital) में कैशलेस इलाज का अधिकार होगा।
इससे पहले जनवरी 2025 में, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union Transport Minister Nitin Gadkari) ने देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए संकेत दिया था कि सरकार पीड़ितों के लिए ऐसी सुविधा लाने पर विचार कर रही है। अब सरकार ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है जो खासकर गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए संजीवनी साबित हो सकता है।
कैसे काम करेगी योजना?
इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (National Health Authority – NHA) को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। यह एजेंसी राज्य पुलिस (State Police), अस्पतालों (Hospitals) और राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों (State Health Agencies) के साथ मिलकर काम करेगी ताकि किसी भी दुर्घटना की सूचना मिलते ही पीड़ित को त्वरित और मुफ्त इलाज मिल सके।
भारत में सड़क हादसों की भयावह स्थिति
भारत में हर साल करीब 5 लाख लोगों की मौत सड़क हादसों में होती है, जबकि 4 लाख से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन मामलों में सबसे अधिक प्रभावित वर्ग दो पहिया वाहन चालक (Two-Wheeler Riders) और पैदल यात्री (Pedestrians) होते हैं। इलाज में होने वाली देरी और खर्च के कारण कई बार लोगों की जान बचाना संभव नहीं हो पाता था, लेकिन सरकार की यह योजना इस गंभीर समस्या का समाधान देने की दिशा में एक अहम पहल है।
अब नहीं होगी इलाज के पैसे की चिंता
नई योजना का सबसे बड़ा लाभ यह है कि हादसे के बाद इलाज के पैसे के अभाव में किसी की जान नहीं जाएगी। चाहे पीड़ित किसी भी राज्य, शहर या गांव में हो, उसे 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त कैशलेस इलाज मिलेगा। योजना के तहत अस्पतालों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे बिना देरी और शर्त के पीड़ितों का इलाज करें।