The News Air: इमरान खान (Imran Khan) अपने जिस दोस्त चीन की शान में कसीदे पढ़ते नहीं थकते थे, अब उसने भी उनसे मुंह मोड़ लिया है। चीन के आधिकारिक मीडिया ने शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री बनने की संभावनाओं पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि खान की तुलना में शरीफ की अगुआई में चीन और पाकिस्तान के संबंध और बेहतर हो सकते हैं।
ग्लोबल टाइम्स के एक लेख के मुताबिक, पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की अगुआई में नई सरकार बनने की काफी ज्यादा संभावनाएं हैं, जो तीन बार पीएम रहे नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) के छोटे भाई हैं।
नेतृत्व में बदलाव से संबंधों पर नहीं होगा असर
ग्लोबल टाइम्स लिखता है, “चीन और पाकिस्तान के विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान में आंतरिक राजनीतिक परिवर्तन से दोनों देशों के बीच के मजबूत संबंधों पर असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने और विकसित करने के लिए पाकिस्तान में सभी दलों और सभी समूहों की संयुक्त सहमति है।”
शरीफ परिवार चीन के साथ संबंधों का रहा है समर्थक
लेख के मुताबिक, खान के संभावित उत्तराधिकारी शरीफ परिवार से हैं जो लंबे समय से चीन-पाकिस्तान संबंधों को बढ़ावा दे रहा है और दोनों देशों के बीच सहयोग खान की तुलना में भी बेहतर हो सकता है। साथ ही कहा गया कि पारंपरिक राजनीतिक दलों के तहत दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध बेहतर थे।
शरीफ सरकार में अच्छी रही थी CPEC की प्रगति
नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के तहत 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) का काम बेहतर ढंग से आगे बढ़ा था। चीन को खान को लेकर यह आपत्ति थी क्योंकि जब वह विपक्ष में थे तो वह परियोजना के आलोचक थे। हालांकि बाद में 2018 में पद संभालने के बाद वह इसके बड़े प्रशंसक बन गए।
सिंघुआ यूनिवर्सिटी में नेशनल स्ट्रैटजी इंस्टीट्यूट में रिसर्च डिपार्टमेंट में डायरेक्टर कियान फेंग ने बताया कि पाकिस्तान में ताजा राजनीतिक परिवर्तन मुख्य रूप से राजनीतिक दल के संघर्ष और अर्थव्यवस्था और लोगों की आजीविका से जुड़ी समस्याओं के कारण होते हैं। कियान ने कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रभाव के कारण, देश में कई लोगों का मानना है कि खान का प्रशासन आर्थिक स्थिति को बिगड़ने से रोकने में विफल रहा है।