The News Air- चंडीगढ़ नगर निगम मेयर सर्बजीत कौर समेत अन्य दो पदों पर हुए चुनाव पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की न्यायिक जांच के दायरे में आ गए हैं। आज हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के पार्षदों की याचिका पर सुनवाई करते हुए चंडीगढ़ प्रशासन, नगर निगम व अन्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वहीं हाईकोर्ट ने मेयर चुनाव का सारा रिकार्ड सीलबंद कर मंगवा लिया है जिसमें वीडियोग्राफी भी शामिल है। तीनों पदों पर भाजपा पार्षद ही चुने गए थे।
मेयर पद पर 8 जनवरी को हुए चुनावों को आप उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। चुनाव के दौरान काफ़ी हंगामा भी हुआ था। आप के एक वोट से छेड़छाड़ होने की बात कहते हुए इस प्रिजाईडिंग अफ़सर ने अवैध क़रार दे दिया था। वहीं भाजपा के एक विवादित वोट को कांउटिंग में शामिल कर लिया था।
मेयर पद की दावेदार आप पार्षद अंजू कात्याल समेत सीनियर डिप्टी मेयर पद की दावेदार प्रेम लता और डिप्टी मेयर पद के दावेदार राम चंद्र यादव ने यह याचिका दायर की है। मांग की गई है कि मेयर समेत सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनावों को गैर क़ानूनी घोषित किया जाए। इसके अलावा राज्य चुनाव अधिकारी, नगर निगम और अन्य प्रतिवादियों को इन पदों के ताज़ा चुनाव करवाए जाने के आदेश दिए जाए।
राजनीतिक षडयंत्र रचने के आरोप
याचिका में दोष लगाया गया है कि मौजूदा रुलिंग पार्टी के बड़े प्रभावशाली नेताओं ने निगम चुनावों में कई प्रकार के राजनीतिक षडयंत्र किए। कहा गया है कि आप ने सब से ज़्यादा 14 सीटें हासिल की थी और सबसे बड़ी पार्टी बन कर आई थी। दावा किया गया है कि भाजपा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और पार्षदों की ख़रीद-फ़रोख़्त में लग गई हालांकि आप के किसी भी पार्षद को ख़रीद नहीं पाई। तिलमिलाहट में भाजपा ने और तरीक़ों से नतीजों को अपने हक़ में करने की कोशिशें शुरु कर दी। जिसमें प्रशासन की अथॉरिटी पर दबाव पाना भी शामिल था।