चंडीगढ़ (The News Air) चंडीगढ़ में प्रशासन के टू-व्हीलर्स रजिस्ट्रेशन पर रोक के फैसले को चुनौती देती फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन की याचिका पर हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन से जवाब मांगा है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस और जस्टिस अरुण पल्ली की डबल बेंच मामले की सुनवाई कर रहा था। एसोसिएशन की ओर से सीनियर एडवोकेट अमित झांजी ने दलीलें पेश कीं। वहीं प्रशासन के बीते 8 फरवरी के आदेशों पर हाईकोर्ट ने फिलहाल कोई रोक नहीं लगाई है।
बता दें कि चंडीगढ़ प्रशासन ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत चंडीगढ़ में 31 मार्च तक पेट्रोल वाले टू-व्हीलर्स की रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे। एसोसिएशन का कहना है कि प्रशासन ने इस पर रोक लगाने को लेकर महज एक प्रेस नोट जारी कर दिया। इस प्रकार के आदेश को निरंकुश बताया गया है।
पॉलिसी रद्द करने की मांग
याचिका में मांग की गई है कि 20 सितंबर, 2022 की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी को भी रद्द किया जाए। इसमें पेट्रोल और डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन साल दर साल कम किए जाने की बात कही गई है। एसोसिएशन का कहना है कि इससे उनके बिजनेस पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि चंडीगढ़ प्रशासन ने बीते 8 फरवरी को शहर में टू-व्हीलर्स पेट्रोल वाहनों का रजिस्ट्रेशन रोकने का फैसला लिया था।
मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत फैसला लेना था
याचिका में कहा गया है कि इस प्रकार का फैसला मोटर व्हीकल एक्ट और सेंट्रल मोटर व्हीकल रुल्स के तहत ही लिया जा सकता है। कहा गया है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीद में प्रशासन टैक्स में छूट, अन्य प्रकार की छूट और लाभ तो दे सकता है, मगर पेट्रोल व्हीकल्स पर इस प्रकार रोक के आदेश जारी नहीं किए जा सकते।
याचिका में प्रशासन के उस आदेश को भी चुनौती दी गई है, जिसमें वित्तीय वर्ष में 65 प्रतिशत पेट्रोल टू-व्हीलर्स और 35 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स रजिस्टर करने की बात की गई है।