लुधियाना (The News Air) पंजाब के लुधियाना जिले में गैस रिसाव कांड में 3 महीने बाद जिला प्रशासन द्वारा रिपोर्ट तैयार कर दी गई है, जिसमें सभी विभागों को क्लीन चिट मिल गई है। 11 लोगों की मौत का कोई भी विभाग जिम्मेदार नहीं है।
जांच में पाया गया है कि यह हादसा किसी एक विभाग की लापरवाही के कारण नहीं हुआ, बल्कि विभिन्न विभागों की कमियां रही हैं। कमियां होने के बावजूद क्लीन चिट सभी विभागों को देना बड़ा सवाल है। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हुई है।
SDM हरजिंदर सिंह।
SDM बोले- बारीकी से जांच की गई
SDM हरजिंदर सिंह ने बताया कि यह दुखदायी घटना है। जांच बैठाई गई थी। एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसमें बतौर मजिस्ट्रेट उप-कमेटी के सदस्य थे। नगर निगम, जिला पॉल्यूशन बोर्ड, जिला पुलिस, सिविल सर्जन और फॉरेंसिक विभाग की रिपोर्ट लेने के बाद बारीकी से जांच की गई।
रिपोर्ट में पाया गया कि हादसे वाले दिन कोई भी फैक्ट्री यूनिट काम नहीं कर रही थी। निगम से हादसे वाली जगह पर बनी बिल्डिंगों का नक्शा मांगा गया तो पता चला कि जैसे आरती क्लीनिक है, वह निगम के नक्शे में ही नहीं है। यह लोग करीब 1990 से यहां रह रहे हैं। निगम के किसी रिकॉर्ड में यह बिल्डिंग नहीं है।
जांच में पाया गया कि हादसे में मौत का कारण H2S गैस है, जिस कारण लोग मरे हैं। कोई एक विभाग सीधे तौर पर 11 मौतों का जिम्मेदार नहीं साबित हो रहा। क्योंकि यह हादसा सीवरेज गैस के कारण हुआ है। प्रत्येक सीवरेज में यह गैस बनती है।
हादसे के बाद जांच करती टीम। (फाइल फोटो)
SDM के मुताबिक, एक बड़ा सवाल यह जरूर है कि हादसे वाले दिन इतनी अधिक मात्रा में गैस कैसे बनी, यह जरूर रिपोर्ट में लिखा गया है, लेकिन 11 लोगों की जान गई तो कहीं न कहीं सभी विभागों को अपने स्तर पर जिम्मेदारी समझनी चाहिए। जो कमियां रह गई हैं, उन पर ध्यान देना चाहिए। जिन लोगों के सीवरेज सिस्टम गैरकानूनी हैं, बिल्डिंगों के प्लान नहीं हैं, उनकी पॉल्यूशन बोर्ड को चैकिंग करनी चाहिए।
जो लोग रात के समय कैमिकल सीवरेज में डालते हैं, उन पर सख्त एक्शन लिया जाए। जिला प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट जरूर भेज दी है। बाकी अभी उच्च स्तरीय टीमें भी अपने लेवल पर जांच कर रही हैं। NGT नेशनल लेवल की तकनीकी टीम है। वह भी समय लेकर मामले की जांच कर रही है, क्योंकि यह भारत में पहला ऐसा मामला हुआ है कि गैस रिसाव में 11 लोगों की जान गई हो।
गैस का असर सीधा ब्रेन पर हुआ
जिन 11 लोगों की हादसे में मौत हुई थी, उनके रेस्पिरेटरी सिस्टम में दम घुटने का कोई लक्षण नहीं दिखा। मौत की वजह न्यूरोटॉक्सिन (नर्वस सिस्टम पर असर करने वाला जहर) था। सीवरेज मैनहोल में कैमिकल रिएक्शन हुआ। डॉक्टरों ने बताया था कि मरने वालों के फेफड़े ठीक थे। इस गैस से उनके ब्रेन पर इफेक्ट हुआ। इसी वजह से उनकी मौत हुई है।