पटना, 27 दिसंबर (The News Air): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी ‘प्रगति यात्रा’ के चौथे चरण में सीतामढ़ी में योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफतौर पर कहा कि “हम दो बार गलती से इधर-उधर चले गए थे। अब हम हमेशा साथ रहेंगे और बिहार के साथ देश का विकास करेंगे।” इस बयान को आरजेडी द्वारा कथित तौर पर दिए गए महागठबंधन में शामिल होने के प्रस्ताव पर सीधा जवाब माना जा रहा है।
आरजेडी के ऑफर पर प्रतिक्रिया: नीतीश कुमार का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब कयास लगाए जा रहे थे कि आरजेडी ने उन्हें एक बार फिर महागठबंधन में शामिल होने का ऑफर दिया है। हालांकि, नीतीश ने अपने बयान से यह स्पष्ट कर दिया कि अब वह अपने निर्णय पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों ने उन्हें 2005 से काम करने का मौका दिया और तब से वह बिना किसी भेदभाव के विकास कार्यों में लगे हैं।
2005 से पहले का बिहार: सीएम कुमार ने अपने संबोधन में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के कार्यकाल का नाम लिए बिना उस समय के हालात पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2005 से पहले बिहार में विकास नाममात्र था। सड़कें जर्जर थीं, अस्पतालों में इलाज नहीं था, और शिक्षा की स्थिति दयनीय थी। उन्होंने कहा, “उस समय शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डरते थे।”
सांप्रदायिक सौहार्द और विकास: नीतीश कुमार ने दावा किया कि उनके नेतृत्व में राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बढ़ा है। पहले जहां हिंदू-मुस्लिम विवाद की खबरें आम थीं, वहीं अब बिहार में सभी वर्गों और क्षेत्रों के लिए समान विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हमने बिना किसी भेदभाव के बिहार को आगे बढ़ाने का काम किया है।”
पलटू चाचा से स्थिरता तक: तेजस्वी यादव द्वारा अक्सर ‘पलटू चाचा’ कहे जाने वाले नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक सफर में कई बार गठबंधन बदले।
- 2014: बीजेपी से गठबंधन तोड़कर आरजेडी के साथ जुड़े।
- 2015: आरजेडी और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा।
- 2017: आरजेडी से अलग होकर फिर बीजेपी के साथ।
- 2022: बीजेपी से अलग होकर दोबारा आरजेडी के साथ।
- 2024: एक बार फिर बीजेपी के साथ लौटे।
हालांकि, अब नीतीश कुमार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह भविष्य में किसी प्रकार की ‘गलती’ नहीं दोहराएंगे और अपने गठबंधन पर स्थिर रहेंगे।
सीतामढ़ी समीक्षा बैठक के मुख्य बिंदु: नीतीश कुमार ने सीतामढ़ी और शिवहर जिलों की संयुक्त समीक्षा बैठक में विकास योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हर क्षेत्र में विकास कार्य किए हैं और इस दिशा में उनका प्रयास जारी रहेगा।
क्या कहता है यह बयान: नीतीश कुमार का यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। आरजेडी के कथित प्रस्ताव को ठुकराने के बाद यह साफ है कि नीतीश अब बीजेपी के साथ स्थिरता की राह पर चलना चाहते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह बयान दिया गया है।
नीतीश कुमार का बयान स्पष्ट संकेत देता है कि वह अब गठबंधन की राजनीति में स्थिरता चाहते हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अब उनका पूरा ध्यान बिहार और देश के विकास पर है। इस बयान के बाद, बिहार की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।