नई दिल्ली, 04 जनवरी (The News Air):- नीतीश कुमार, भारतीय राजनीति के एक ऐसे प्रखर नेता हैं जिन्होंने बिहार की सूरत बदलने में अहम भूमिका निभाई है। उनका जन्म 1 मार्च 1951 को बिहार के बख्तियारपुर में हुआ। वह जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू के प्रमुख नेता हैं और कई बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
नीतीश कुमार का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता कविराज रामलखन सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे। उनकी माता, परमेश्वरी देवी, एक गृहिणी थीं।
नीतीश कुमार का बचपन सादगीपूर्ण माहौल में बीता। प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (अब एनआईटी पटना) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। हालांकि, वह एक इंजीनियर के रूप में करियर बनाने की बजाय सामाजिक और राजनीतिक सुधारों में रुचि लेने लगे।
व्यक्तिगत जीवन
नीतीश कुमार का विवाह 1973 में मंजू सिन्हा से हुआ, जो पेशे से एक शिक्षिका थीं। उनका वैवाहिक जीवन साधारण और सादगीपूर्ण रहा। उनकी पत्नी का निधन 2007 में हो गया। नीतीश कुमार का एक पुत्र है, निशांत कुमार, जो राजनीति से दूर रहकर अपने निजी जीवन में व्यस्त रहते हैं।
नीतीश कुमार का व्यक्तित्व सरल और जनता से जुड़ा हुआ है। वह अपने सादे जीवन और कर्मठता के लिए जाने जाते हैं। राजनीति के व्यस्त जीवन के बावजूद वह व्यक्तिगत रूप से अनुशासन और परिश्रम में विश्वास करते हैं।
राजनीतिक सफर की शुरुआत
नीतीश कुमार ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1974 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हुए आंदोलन से की। इसके बाद वह जनता पार्टी में शामिल हुए और सक्रिय राजनीति में कदम रखा। वह 1985 में पहली बार बिहार विधानसभा के सदस्य चुने गए। इसके बाद 1989 में उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता और राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा।
केंद्र सरकार में भूमिका
नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दीं। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह कृषि मंत्री, रेल मंत्री और सड़क परिवहन मंत्री जैसे पदों पर रहे। रेल मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल को विशेष रूप से सराहा गया, क्योंकि उन्होंने यात्री सुविधाओं में सुधार और रेल दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में
नीतीश कुमार 2005 में पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने राज्य की कानून-व्यवस्था सुधारने, आधारभूत संरचना विकसित करने और सामाजिक कल्याण योजनाओं को लागू करने पर जोर दिया। उनके कार्यकाल में बिहार में सड़कों, स्कूलों और अस्पतालों का बड़े पैमाने पर विकास हुआ।
- कानून और व्यवस्था: — नीतीश कुमार ने अपराध पर नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए। उनकी सरकार ने त्वरित न्यायालय (फास्ट ट्रैक कोर्ट) का गठन किया, जिससे अपराधियों को जल्द सजा मिलने लगी।
- महिलाओं का सशक्तिकरण: — उन्होंने महिलाओं के लिए 50% आरक्षण की शुरुआत की, जिससे पंचायतों और शहरी निकायों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी।
- शराबबंदी: — 2016 में उन्होंने बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की, जिसे महिलाओं ने विशेष रूप से सराहा। हालांकि, इस नीति को लेकर कई विवाद भी हुए।
- शिक्षा और स्वास्थ्य: — मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने स्कूलों में लड़कियों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए “साइकिल योजना” शुरू की। इसके अलावा, राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया।
राजनीतिक गठबंधन और बदलाव
नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर में गठबंधन की राजनीति का बड़ा महत्व रहा है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) दोनों के साथ गठबंधन किया है। 2017 में उन्होंने आरजेडी से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाई, लेकिन 2022 में उन्होंने बीजेपी से अलग होकर फिर से महागठबंधन में वापसी की।
आलोचनाएं और चुनौतियां
नीतीश कुमार को उनके कार्यकाल में कई बार आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा। शराबबंदी नीति की विफलता, बेरोजगारी, और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर उनकी सरकार की आलोचना हुई। लेकिन इसके बावजूद, उन्होंने अपने नेतृत्व से बिहार में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की।
नीतीश कुमार ने अपनी दूरदर्शिता और नीतियों से बिहार की राजनीति और प्रशासन में एक नई दिशा दी है। उन्होंने राज्य के विकास के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। उनकी राजनीति का मुख्य उद्देश्य हमेशा से ही जनकल्याण रहा है। नीतीश कुमार न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा हैं।