Nitish Kumar Hijab Controversy: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों अपनी एक हरकत की वजह से देश भर में आलोचनाओं का शिकार हो रहे हैं। एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान नियुक्ति पत्र देते समय एक मुस्लिम महिला का हिजाब/बुर्का हटाने की कोशिश करना उन पर भारी पड़ गया है। यह मामला अब केवल सियासी गलियारों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बॉलीवुड से लेकर देश के तीन अलग-अलग राज्यों के पुलिस थानों तक पहुंच गया है। विवाद इतना बढ़ गया है कि खुफिया एजेंसियों के इनपुट के बाद सीएम की सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है।
जावेद अख्तर की खरी-खरी: ‘बिना शर्त माफी मांगें नीतीश’
इस विवाद में मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है और नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा किया है। जावेद अख्तर ने सोशल मीडिया पर साफ शब्दों में लिखा कि जो लोग उन्हें जानते हैं, वे जानते हैं कि वे पर्दा प्रथा के सख्त खिलाफ हैं। लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि नीतीश कुमार द्वारा एक महिला डॉक्टर के साथ की गई हरकत को स्वीकार किया जाए। उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को उस महिला से बिना किसी शर्त के तुरंत माफी मांगनी चाहिए।
देश के 3 राज्यों में FIR दर्ज
नीतीश कुमार के लिए मुश्किलें कानूनी रूप भी ले चुकी हैं। इस मामले में देश के तीन बड़े शहरों—बेंगलुरु, लखनऊ और रांची में उनके खिलाफ शिकायतें (FIR) दर्ज कराई गई हैं। रांची में मोहम्मद मुर्तजा आलम ने लिखित शिकायत में कहा है कि यह मामला अब व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सार्वजनिक हो चुका है और यह एक महिला की गरिमा पर सीधा हमला है। वहीं, लखनऊ में मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा ने कैसरबाग थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए इसे सीएम का ‘मानसिक दिवालियापन’ करार दिया है।
‘क्या यह इस्लामिक राष्ट्र है?’ – बचाव में उतरे गिरिराज
जहां एक तरफ विपक्ष हमलावर है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेता गिरिराज सिंह नीतीश कुमार के बचाव में ढाल बनकर खड़े हो गए हैं। गिरिराज सिंह ने तर्क दिया कि अगर किसी को नौकरी चाहिए या पासपोर्ट बनवाना हो, तो चेहरा तो दिखाना ही पड़ता है। उन्होंने सवाल दागते हुए कहा, “क्या यह कोई इस्लामिक राष्ट्र है?” उन्होंने सफाई दी कि नीतीश कुमार उस वक्त केवल एक अभिभावक की भूमिका निभा रहे थे। वहीं, जीतन राम मांझी ने भी इसे ‘पिता और बेटी’ के बीच का भाव बताकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की है।
संपादक का विश्लेषण: सियासत और मर्यादा की लकीर
एक वरिष्ठ Editor के तौर पर इस घटना को देखें, तो यह मामला अब ‘मर्यादा’ बनाम ‘सियासत’ की जंग बन चुका है। नीतीश कुमार का इरादा चाहे जो भी रहा हो, लेकिन सार्वजनिक मंच पर किसी महिला के परिधान को हाथ लगाना, विशेषकर जब वह उसके धार्मिक विश्वास से जुड़ा हो, एक संवेदनशील गलती है। यह घटना दर्शाती है कि सार्वजनिक जीवन में पद पर बैठे व्यक्ति की शारीरिक भाषा (Body Language) और सीमाएं कितनी मायने रखती हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या नीतीश कुमार इस पर माफी मांगते हैं या इसे राजनीतिक रंग देकर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
सांसद इकरा हसन और इम्तियाज जलील का गुस्सा
कैराना से सांसद इकरा हसन ने भी इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बुजुर्ग हैं, लेकिन उन्हें किसी की ‘प्राइवेट स्पेस’ में दखल देने या पल्लू/हिजाब खींचने का कोई अधिकार नहीं है। हम आजाद भारत के नागरिक हैं। वहीं, एएमआईएम के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने तो सीधे तौर पर धमकी भरे लहजे में कहा कि अगर हिम्मत है तो महाराष्ट्र आकर दिखाओ। इस बीच, पाकिस्तान के शहजाद भट्टी ने भी नीतीश कुमार को धमकी दी है, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।
जानें पूरा मामला
यह विवाद तब शुरू हुआ जब बिहार के मुख्यमंत्री एक सरकारी समारोह में नवनियुक्त कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे। इसी दौरान एक महिला डॉक्टर मंच पर आई, और सीएम ने कथित तौर पर उसे हिजाब हटाने का इशारा किया या उसे हाथ लगाया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हंगामा मच गया। सत्ता पक्ष इसे ‘बुजुर्ग का स्नेह’ बता रहा है, जबकि मुस्लिम संगठन और विपक्ष इसे ‘अपमान’ मान रहे हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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नीतीश कुमार के खिलाफ बेंगलुरु, लखनऊ और रांची में पुलिस शिकायतें दर्ज।
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जावेद अख्तर ने की निंदा, कहा- सीएम को बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
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खुफिया एजेंसियों ने खतरे को देखते हुए नीतीश कुमार की सुरक्षा बढ़ाई।
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गिरिराज सिंह ने किया बचाव, पूछा- क्या भारत इस्लामिक राष्ट्र है?






