Nitin Gadkari New Toll System देश के नेशनल हाईवे पर सफर करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। केंद्र सरकार अब टोल टैक्स वसूली के पुराने बैरियर वाले सिस्टम को जड़ से खत्म करने की तैयारी में है। परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में एक ऐसे आधुनिक AI आधारित सिस्टम का रोडमैप पेश किया है, जिससे अब आपको टोल प्लाजा पर न तो गाड़ी रोकनी होगी और न ही अपनी रफ्तार धीमी करनी पड़ेगी।
देश के राष्ट्रीय राजमार्गों का जाल जिस तेजी से बिछ रहा है, उसी रफ्तार से ट्रैफिक का दबाव भी बढ़ा है। मौजूदा फास्टटैग सिस्टम के बावजूद कई बार टोल बूथ पर लंबी कतारें और मशीनी खामियों के कारण यात्रियों को घंटों परेशान होना पड़ता है। इसी समस्या का समाधान निकालने के लिए सरकार ‘मल्टी लेन फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम’ (MLFF) लाने जा रही है। यह सिस्टम इतना एडवांस है कि 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती गाड़ी का टोल भी बिना रुके अपने आप कट जाएगा।
क्या है मल्टी लेन फ्री फ्लो टोलिंग तकनीक
इस नई तकनीक के तहत हाईवे पर पारंपरिक टोल बूथ नहीं होंगे। उनकी जगह सड़क के ऊपर खास पॉइंट पर बड़े गंट्री (Gantry) लगाए जाएंगे, जो हाई-रेजोल्यूशन कैमरों और सेंसर से लैस होंगे। जैसे ही आपकी गाड़ी इन कैमरों के नीचे से गुजरेगी, एआई (AI) तकनीक तुरंत आपकी नंबर प्लेट को स्कैन कर लेगी। यह सिस्टम आपकी गाड़ी की पहचान कर उसे आपके मौजूदा फास्टटैग अकाउंट से मैच करेगा और सीधे पैसे काट लेगा। सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि इसके लिए आपको अपनी गाड़ी का ब्रेक दबाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
नहीं बदलना पड़ेगा मौजूदा FASTag
अक्सर नई तकनीक आने पर लोगों के मन में यह सवाल होता है कि क्या उन्हें पुराना सिस्टम बदलना पड़ेगा? सरकार ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल फास्टटैग को खत्म नहीं किया जा रहा है। नया एआई बेस्ड सिस्टम मौजूदा फास्टटैग के साथ मिलकर ही काम करेगा। यानी आपको अपनी गाड़ी पर कोई नया डिवाइस या टैग लगवाने की जरूरत नहीं होगी, आपका पुराना फास्टटैग ही इस हाई-टेक सिस्टम में काम आता रहेगा।
आम जनता को होंगे ये बड़े फायदे
इस बदलाव का सीधा असर आम आदमी की जेब और समय पर पड़ेगा। टोल पर न रुकने की वजह से यात्रा का समय (Travel Time) काफी कम हो जाएगा। जब गाड़ी बार-बार कतार में खड़ी नहीं होगी और बार-बार स्टार्ट नहीं करनी पड़ेगी, तो इससे ईंधन की भारी बचत होगी। साथ ही, टोल प्लाजा पर होने वाले मानसिक तनाव और ट्रैफिक जाम से भी पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि 2026 के अंत तक इस सिस्टम को पूरे देश में लागू कर दिया जाए।
क्यों पड़ी इस नए सिस्टम की जरूरत
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, देश में पुराने टोल मॉडल की वजह से न तो समय की बचत हो पा रही थी और न ही ईंधन की। डिजिटल इंडिया की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार अब बैरियर फ्री सफर सुनिश्चित करना चाहती है। यह नया अपग्रेडेड सिस्टम न केवल आधुनिक है, बल्कि मानवीय हस्तक्षेप कम होने के कारण इसमें पारदर्शिता भी अधिक होगी।
मुख्य बातें (Key Points)
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बिना रुके भुगतान: हाईवे पर 80 किमी/घंटा की रफ्तार पर भी ऑटोमैटिक कट जाएगा टोल।
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AI कैमरों का जाल: गंट्री पर लगे हाई-रेजोल्यूशन कैमरे नंबर प्लेट के जरिए करेंगे पहचान।
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फास्टटैग रहेगा जारी: नया सिस्टम पुराने फास्टटैग के साथ मिलकर ही काम करेगा।
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2026 की डेडलाइन: सरकार ने दिसंबर 2026 तक इसे पूरे देश में लागू करने का लक्ष्य रखा है।






