बेंगलुरू, 03 जनवरी (The News Air): भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने बेंगलुरू में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जेपी नड्डा और कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री सिद्धारमैया की उपस्थिति में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस) के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने निमहंस के योगदान को सराहा और मानसिक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा, “निमहंस द्वारा मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो महान कार्य किए गए हैं, उन्होंने इसे समाज में एक अनुकरणीय भूमिका निभाने में मदद की है। रोगियों की असाधारण सेवा, अभिनव अनुसंधान, और कठोर शैक्षिक पाठ्यक्रम ने निमहंस को मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान में अग्रणी बना दिया है।”
नई सुविधाओं का उद्घाटन : समारोह के दौरान, राष्ट्रपति ने निमहंस की नई सुविधाओं का उद्घाटन किया। इनमें साइकिएट्री स्पेशलिटी ब्लॉक, सेंट्रल लेबोरेटरी कॉम्प्लेक्स, भीम छात्रावास, नेक्स्ट जनरेशन 3टी एमआरआई स्कैनर और उन्नत डीएसए प्रणाली शामिल हैं। इन सुविधाओं का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान में गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करना है।
निमहंस का योगदान : निमहंस ने टेली-मानस प्लेटफॉर्म के माध्यम से देशभर में 53 केंद्रों पर मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की हैं, जिससे पिछले दो वर्षों में लगभग 70 लाख लोगों को उनकी चुनी हुई भाषाओं में सेवा दी गई। राष्ट्रपति ने कहा, “निमहंस का बेल्लारी मॉडल और टेली-मानस सेवा ने मानसिक स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई दिशा दी है।”
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा का भाषण : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने निमहंस को भारत के प्रमुख संस्थानों में से एक बनाने में योगदान देने के लिए छात्रों, संकाय सदस्यों और सभी हितधारकों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “निमहंस में मरीजों की संख्या पिछले दशक में पांच गुना बढ़ी है, जो इसे भारत में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा के अग्रणी संस्थान बनाता है।”
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बयान : कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री सिद्धारमैया ने निमहंस को मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान में भारत और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने वाला संस्थान बताया। उन्होंने कहा, “निमहंस ने वैश्विक स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य नीतियों को आकार दिया है और इसे विश्व स्तर पर प्रेरणा का स्रोत बनाया है।”