नई दिल्ली, 6 नवंबर (The News Air)
किसान आंदोलन (kisan andolan) के दौरान 26 जनवरी को लाल क़िले पर हुई हिंसा के बाद प्रतिबंधित खालिस्तान संगठन सिख फॉर जस्टिस (Sikh For Justice) फिर से चर्चाओं में है। जांच में सामने आया है कि यह संगठन खालिस्तान आतंकवादियों को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए टेरर फंडिंग करता है। इसके कुछ अन्य आतंकवादी संगठनों से भी कनेक्शन हैं। इसी की जांच करने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस समय कनाडा में है।
कई देशों में फैला रखा है जाल
NIA के सूत्रों अनुसार, SFJ की जांच के सिलसिले में तीन सदस्यीय टीम कनाडा गई है। यह 4 दिन वहाँ रहेगी। इसकी अगुवाई IG स्तर के एक अधिकारी कर रहे हैं। NIA इस संगठन से फ़ंड ले रहे NGOs की लिस्ट तैयार कर ली है। SFJ के बब्बर ख़ालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, खालिस्तान टाइगर फोर्स से भी कनेक्शन सामने आए हैं। सूत्रों के हवाले से SFJ को अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और जर्मनी से भी फंडिग होती है। बता दें कि NIA ने 15 दिसंबर, 2020 को IPC की कई धाराओं सहित ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां(रोकथाम) अधिनियम(UPA) के तहत केस दर्ज़ किया था। इसमें बताया गया था कि SFJ कई देशों में खालिस्तान अभियान तेज़ करने पैसा जुटा रहा है। इसमें खालिस्तान आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू, परमजीत सिंह पम्मा और हरदीप सिंह निज्जर के नाम सामने आए थे। इस संगठन ने कुछ सालों के अंदर दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड आदि में किसान आंदोलन की आड़ में फ़ंड जुटाया है।
Drugs माफ़िया के बाद खालिस्तान संगठन पर भी नज़र
Drugs माफ़िया, आतंकवादियों के मददगारों के बाद अब केंद्र सरकार खालिस्तान पर नकेल कसने कड़े Action में आई है। बता दें कि इस संगठन ने ही 26 जनवरी को लाल क़िले पर हुई हिंसा की साज़िश रची थी। यह किसान आंदोलन की आड़ में भी अपनी साज़िशों को अंजाम देने में लगा है। लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में भी इसके कार्यकर्ताओं की मौजूदगी की ख़बर थी।
पहले भी NIA इससे जुड़े लोगों को नोटिस भेज चुकी है
कृषि क़ानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन की आड़ में SFJ की हिंसक गतिविधियां सामने आई हैं। दिल्ली के लाल क़िले पर हुई हिंसा के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इससे जुड़े 40 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा था। बता दें कि इसका हेड क्वार्टर अमेरिका के न्यूयॉर्क में है। माना जा रहा है कि यह संगठन ही किसान आंदोलन को गैर क़ानूनी तरीक़े से फंडिंग कर रहा है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
2019 में बैन कर दिया गया था
SFJ को भारत में 2019 में प्रतिबंधित कर दिया गया था। पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर भी इस संगठन ने ऐसी ही एक अपील की थी, जिसके चलते पंजाब के कुछ इलाक़ों में लोगों ने डिप्टी कमिश्नर के ऑफ़िस में खालिस्तान झंडा भी फहरा दिया था। इन लोगों के ख़िलाफ़ तब IPC की विभिन्न धाराओं में मुक़दमा भी दर्ज़ किया गया था।