नई दिल्ली (New Delhi), 14 जनवरी (The News Air): सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) ने 13 जनवरी 2025 को भवन एवं अन्य सन्निमार्ण कर्मकार (BOCW) कल्याण बोर्ड की 16वीं निगरानी समिति की बैठक आयोजित की। सुमिता डावरा (Sumita Dawra), सचिव, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की अध्यक्षता में इस बैठक में 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक का मुख्य उद्देश्य बीओसीडब्ल्यू कर्मकारों को 100% सामाजिक सुरक्षा कवरेज में शामिल करना, आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण, और स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ावा देना था।
बैठक में उठाए गए मुख्य मुद्दे : बैठक में कई अहम बिंदुओं पर चर्चा की गई, जिनमें शामिल हैं:
- मॉडल कल्याण योजना का संशोधन:
बीओसीडब्ल्यू कर्मकारों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) और प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PMSYM) जैसी योजनाओं में शामिल करना। - शिक्षा और स्वास्थ्य:
बीओसीडब्ल्यू उपकर निधि का उपयोग स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों के निर्माण में। - डेटा इंटीग्रेशन:
ई-श्रम पोर्टल (e-Shram Portal) के साथ डेटा को एकीकृत करना और एमआईएस पोर्टल पर अपडेट करना। - श्रमिकों के प्रशिक्षण:
निर्माण कर्मकारों को सुरक्षा उपायों और आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित करना। - टीबी मुक्त अभियान:
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को तेज करना।
बीओसीडब्ल्यू कर्मकारों की स्थिति और सुधार : श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बताया कि वर्तमान में देशभर में लगभग 5.73 करोड़ बीओसीडब्ल्यू कर्मकार पंजीकृत हैं। मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे उपकर निधि का विवेकपूर्ण उपयोग करते हुए सभी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ प्रदान करें।
सचिव सुमिता डावरा ने यह भी जोर दिया कि प्रवासी श्रमिकों सहित सभी कर्मकारों के लिए स्वास्थ्य जांच और टीबी स्क्रीनिंग अभियान आयोजित किए जाएं।
उत्तराखंड और असम की सफलताएं : बैठक में उत्तराखंड (Uttarakhand) और असम (Assam) बीओसीडब्ल्यू कल्याण बोर्डों ने अपनी सफल प्रक्रियाओं और अच्छी विधियों को साझा किया। इन राज्यों ने श्रमिकों के कल्याण में तकनीकी नवाचार और पारदर्शिता लाने में उल्लेखनीय कार्य किया है।
यह बैठक भारत में श्रमिक कल्याण और सामाजिक सुरक्षा के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। बीओसीडब्ल्यू कर्मकारों को न केवल आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण के जरिए उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।
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