नई दिल्ली (The News Air): 19 राजनीतिक दलों द्वारा नए संसद भवन (new Parliament House) के उद्घाटन कार्यक्रम को बहिष्कार किए जाने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने विपक्षी को खरीखोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में 28 मई की तिथी एक गौरवशाली दिन के रूप में दर्ज़ होने जा रही है। इस दिन प्रधानमंत्री मोदी भारत के लोकतंत्र की प्रतीक भारत वासियों को नई संसद भेंट करेंगे। इस ऐतिहासिक अवसर को गरिमामय और गौरवशाली बनाने की बजाए, कांग्रेस समेत विपक्षी दलों द्वारा जिस तरह की बयानबाजी हो रही है वह अत्यंत दुखद, गैर जिम्मेदाराना और लोकतंत्र को कमज़ोर करने वाला है।
वहीं दूसरी ओर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल (Chief Minister Bhupendra Patel) ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा नई संसद का उद्घाटन हमारे लिए गर्व का क्षण है और हम 19 विपक्षी दलों के उद्घाटन कार्यक्रम के बहिष्कार के फैसले की निंदा करते हैं। यह फैसला देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है।
#WATCH | #NewParliamentBuilding | UP CM Yogi Adityanath says, “…Instead of making this historic occasion a dignified & proud moment, the Opposition, including Congress, is making statements. This is unfortunate and irresponsible. This weakens democracy…I think the country… pic.twitter.com/uuDqbgHNJl
— ANI (@ANI) May 25, 2023
भारत के पहले भारतीय गवर्नर-जनरल सी राजगोपालाचारी के परपोते सी. आर. केसवन ने चन्नई में कहा की मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं कि वे इस पवित्र राजदंड सैंगोल को फिर से जिवांत किया। 1947 में जब आज़ादी नज़दीक थी तब राजगोपालाचारी ने नेहरू जी को बताया कि यह प्राचीन भारतीय सभ्यता परंपरा है कि जब सत्ता का हस्तांतरण होता है तब पवित्र राजदंड सैंगोल को मुख्य पुजारी द्वारा नए राजा को दिया जाता है और यही होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि यह राजदंड पहले माउंटबेटन को दिया गया जिसे बाद में पुजारी को दी गई जिसे गंगाजल से पवित्र किया गया और बाद में नेहरू जी को दी गई। यह एक ऐतिहासिक घटना थी। इसके बार में किसी को नहीं पता था। इस राजदंड को इलाहाबाद संग्रहालय में यह कहकर रखा गया कि यह एक गोल्डन वॉकिंग स्टिक है जो पंजित नेहरू को दी गई थी।