नई दिल्ली (New Delhi)15 जनवरी (The News Air): कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने अपने ऐतिहासिक मुख्यालय 24 अकबर रोड (Akbar Road) को छोड़कर नए आधुनिक और हाईटेक भवन ‘इंदिरा भवन’ (Indira Bhavan) में कदम रख दिया है। पार्टी के इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को हवा दे दी है।
9ए कोटला रोड (Kotla Road) पर स्थित नया मुख्यालय वास्तु, आधुनिकता और पार्टी की रणनीतिक सोच का अद्भुत मिश्रण है।
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने बुधवार को नए भवन का उद्घाटन किया, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge), लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
RSS कनेक्शन और दीनदयाल उपाध्याय का नाम : नई लोकेशन और भवन के मुख्य प्रवेश द्वार में बदलाव के पीछे एक गहरी राजनीतिक सोच छिपी है। 9ए कोटला रोड के पते को चुनने और दीनदयाल उपाध्याय मार्ग (Deendayal Upadhyay Marg) पर दरवाजा न रखने के फैसले ने इस बदलाव को खास बना दिया।
- दीनदयाल उपाध्याय (Deendayal Upadhyay) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख प्रचारक और भारतीय जनसंघ (Bharatiya Jan Sangh) के सह-संस्थापक थे।
- कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वंद्वी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (BJP) दीनदयाल को अपना आदर्श मानती है।
- कांग्रेस ने यह सुनिश्चित किया कि उसका मुख्यालय दीनदयाल उपाध्याय के नाम से संबद्ध न हो।
यह बदलाव कांग्रेस के दिवंगत महासचिव अहमद पटेल (Ahmed Patel) और कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा (Motilal Vora) के सुझाव पर किया गया।
वास्तु और ऐतिहासिक कनेक्शन : पार्टी ने यह भी दावा किया कि नए भवन का डिज़ाइन और मुख्य द्वार वास्तु शास्त्र (Vaastu Shastra) के अनुरूप बनाया गया है।
- कोटला रोड (Kotla Road) का नाम दिल्ली के सुल्तान फिरोज शाह तुगलक (Firoz Shah Tughlaq) द्वारा निर्मित ऐतिहासिक किले फिरोज शाह कोटला (Firoz Shah Kotla) के नाम पर रखा गया है।
- कांग्रेस ने नए भवन को न केवल आधुनिक बल्कि पर्यावरण-अनुकूल बनाने पर जोर दिया है।
इंदिरा भवन की खासियतें : नया मुख्यालय लगभग 242 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। इसकी विशेषताएं इसे बेहद खास बनाती हैं:
- ग्रीन बिल्डिंग (Green Building): सोलर पैनल और वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम।
- हाईटेक सुविधाएं: आधुनिक ऑडिटोरियम, डेटा सेंटर और प्रशासनिक ब्लॉक।
- 18 से 24 कमरे प्रति फ्लोर: हर विभाग और प्रकोष्ठ के लिए अलग-अलग स्थान।
- शीर्ष नेतृत्व के लिए विशेष स्थान: पांचवीं मंजिल पर सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के दफ्तर।
पुराना मुख्यालय 24 अकबर रोड का भविष्य : पार्टी ने साफ किया है कि वह तत्काल 24 अकबर रोड को खाली नहीं करेगी।
- पुराना भवन: ऐतिहासिक महत्व और प्रशासनिक कार्यों के लिए उपयोग किया जाएगा।
- महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस और एनएसयूआई जैसे संगठनों के कार्यालय भी नए भवन में स्थानांतरित किए जा सकते हैं।
राजनीतिक विश्लेषण:
- दीनदयाल उपाध्याय मार्ग से दूरी: कांग्रेस का यह कदम न केवल राजनीतिक बल्कि मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
- वास्तु और आधुनिकता का मिश्रण: पार्टी ने दिखाया है कि वह अपनी विरासत को संरक्षित रखते हुए बदलाव के लिए तैयार है।
कांग्रेस पार्टी का ‘इंदिरा भवन’ में शिफ्ट होना न केवल एक प्रशासनिक कदम है बल्कि यह पार्टी की सोच और रणनीति का भी प्रतीक है। यह फैसला बताता है कि कांग्रेस अपने मूल सिद्धांतों और विरासत को बनाए रखते हुए आधुनिकता और राजनीतिक परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने के लिए तैयार है। क्या यह बदलाव पार्टी की छवि और प्रदर्शन को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा।