New Labour Codes 2025: भारत सरकार ने देश के करोड़ों कर्मचारियों के हित में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए पुराने 29 केंद्रीय श्रम कानूनों को मिलाकर 4 नए लेबर कोड लागू कर दिए हैं। 21 नवंबर 2025 से प्रभावी हुए इन नियमों का सीधा असर आपकी जेब और नौकरी की सुरक्षा पर पड़ेगा। अब अगर किसी कर्मचारी की नौकरी जाती है, तो उसे आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि सरकार ने मुआवजे और सेटलमेंट को लेकर कड़े नियम बना दिए हैं।
अक्सर देखा जाता है कि नौकरी छूटने पर कर्मचारियों को सबसे ज्यादा चिंता पैसों की होती है। मानसिक तनाव के साथ-साथ घर चलाने की चुनौती भी सामने आ जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह बड़ा बदलाव किया है। इन नए कोड्स का मुख्य उद्देश्य श्रम कानूनों को सरल बनाना, मजदूरों को सुरक्षा देना और उद्योगों के लिए नियमों का पालन आसान बनाना है।
नौकरी जाने पर मिलेगा 15 दिन का वेतन
नए श्रम कानूनों के तहत कर्मचारियों को एक बड़ा सुरक्षा कवच दिया गया है। अगर अब किसी कर्मचारी को नौकरी से हटाया जाता है, तो नियोक्ता (Employer) को उसे 15 दिन की मजदूरी के बराबर मुआवजा देना अनिवार्य होगा। यह प्रावधान ‘औद्योगिक संबंध संहिता 2020’ का हिस्सा है। इसका मकसद यह है कि नौकरी जाने के बाद कर्मचारी को तुरंत आर्थिक तंगी न झेलनी पड़े और वह इस पैसे की मदद से नया कौशल (Skill) सीखकर दोबारा रोजगार पा सके।
45 दिनों में करना होगा पूरा हिसाब
कंपनियां अब कर्मचारी का पैसा अनिश्चित काल तक नहीं रोक पाएंगी। नए नियमों के मुताबिक, नौकरी खत्म होने के 45 दिनों के भीतर कर्मचारी के बैंक अकाउंट में सारा पैसा और मुआवजा जमा करना होगा। कंपनियों की मनमानी अब नहीं चलेगी, उन्हें ‘फुल एंड फाइनल’ सेटलमेंट के लिए समय सीमा का पालन करना ही होगा। इससे प्रक्रिया पारदर्शी होगी और कर्मचारियों को अपने हक के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
नियुक्ति पत्र और ओवरटाइम पर स्पष्टता
इस बदलाव से आपका मजदूरी का अधिकार पहले से ज्यादा सुरक्षित हो गया है। पहले कई बार बिना लिखित सबूत के लोगों को नौकरी पर रख लिया जाता था, लेकिन अब आपको लिखित नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) मिलना अनिवार्य होगा। इससे नौकरी की शर्तें और वेतन पूरी तरह साफ रहेंगे। इसके अलावा, अगर आप ज्यादा काम करते हैं, तो ओवरटाइम पेमेंट आपके लिए फायदेमंद होगा, जो कि दोगुना भी हो सकता है।
महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट और नए अवसर
नए लेबर कोड ने कामकाजी महिलाओं के लिए भी अवसरों के द्वार खोल दिए हैं। अब महिलाएं नाइट शिफ्ट (Night Shift) में भी काम कर सकेंगी, बशर्ते नियोक्ता उनकी उचित सुरक्षा के इंतजाम करे और उनकी सहमति ले। यह बदलाव क्विक कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग जैसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में महिलाओं के लिए नई नौकरियां पैदा करेगा।
सामाजिक सुरक्षा और बेहतर माहौल
नए कानूनों के तहत कर्मचारी अब सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आएंगे। उन्हें बीमा और पेंशन जैसी सुविधाओं का लाभ मिलेगा। खतरनाक काम करने वाले लोगों के लिए सुरक्षा के नियम आसान और सख्त बनाए गए हैं। सरकार का मानना है कि नियमों के सरल होने से कंपनियां बेहतर प्रबंधन कर सकेंगी, जिससे कामकाज का माहौल सुधरेगा और नई नौकरियां पैदा होंगी।
जानें पूरा मामला
लंबे समय से भारत में श्रम कानूनों की जटिलता एक समस्या बनी हुई थी। 29 अलग-अलग कानूनों के कारण कंपनियों को नियम पालन (Compliance) में दिक्कत आती थी और कर्मचारियों को उनके अधिकार नहीं मिल पाते थे। विशेष रूप से नौकरी जाने पर सेटलमेंट में होने वाली देरी और मुआवजे की कमी एक बड़ा मुद्दा था। इसी को सुलझाने के लिए सरकार ने इन सभी कानूनों को 4 कोड्स में समाहित कर दिया है, जो अब लागू हो चुके हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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नौकरी से हटाने पर 15 दिन की एक्स्ट्रा सैलरी (मुआवजा) देना अनिवार्य।
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नौकरी छूटने के 45 दिनों के भीतर फुल एंड फाइनल सेटलमेंट करना जरूरी।
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हर कर्मचारी को लिखित नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) मिलेगा।
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महिलाएं अब सुरक्षा और सहमति के साथ नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी।






