New Labour Code 2025: नौकरीपेशा लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने नई श्रम संहिता (New Labour Code) में एक ऐसा क्रांतिकारी प्रावधान जोड़ा है, जिससे अब कर्मचारियों को अपनी सैलरी के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नए नियमों के मुताबिक, हर कर्मचारी को हर महीने की 7 तारीख तक वेतन देना अनिवार्य कर दिया गया है।
अगर कोई कंपनी इस नियम का उल्लंघन करती है, तो उसे न केवल भारी जुर्माने का सामना करना पड़ेगा, बल्कि कानूनी पचड़े में भी फंसना पड़ सकता है। यह फैसला कर्मचारियों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
नियम तोड़ने पर बॉस को हो सकती है जेल
सरकार ने इस कानून को सख्ती से लागू करने का मन बना लिया है। अगर कोई कंपनी समय पर सैलरी नहीं देती है, तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी:
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जुर्माना: पहले उल्लंघन पर 50,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
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बार-बार गलती पर: अगर यह गलती बार-बार होती है, तो लाखों का जुर्माना और यहां तक कि बॉस को 3 महीने तक की जेल भी हो सकती है।
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मुआवजा: सैलरी में देरी होने पर कंपनी को 25 रुपये प्रतिदिन का अतिरिक्त मुआवजा और ब्याज भी देना पड़ सकता है।
IT और ITeS सेक्टर पर खास नजर
यह नए नियम विशेष रूप से आईटी (IT) और आईटीईएस (ITeS) क्षेत्र की कंपनियों पर लागू होंगे, जहां अक्सर काम के घंटों और सैलरी को लेकर शिकायतें आती रहती हैं। अब इन कंपनियों को अपना सैलरी सिस्टम दुरुस्त करना होगा और हर कर्मचारी का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा। सरकार का मकसद पारदर्शिता लाना और कर्मचारियों का भरोसा जीतना है।
शिकायत कहां और कैसे करें?
अगर आपकी सैलरी 7 तारीख तक नहीं आती है, तो आप चुप न बैठें। आप सीधे श्रम अधिकारी (Labour Officer) या मजिस्ट्रेट के पास अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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सबसे पहले अपने एचआर (HR) विभाग को सूचित करें।
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अगर वहां से समाधान न मिले, तो स्थानीय श्रम निरीक्षक या वेजेस एक्ट के तहत अधिकृत अधिकारी के पास जाएं।
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शिकायत दर्ज कराने के लिए आपके पास 12 महीने का समय होता है। अगर देरी साबित हो जाती है, तो फैसला आपके हक में आएगा।
महिलाओं और नियुक्ति पत्र पर भी बड़ा फैसला
नए लेबर कोड में सिर्फ सैलरी ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों के अन्य अधिकारों पर भी ध्यान दिया गया है:
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नाइट शिफ्ट: महिलाओं को अब रात की शिफ्ट में काम करने की पूरी आजादी होगी, लेकिन कंपनियों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।
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समान वेतन: ‘इक्वल पे फॉर इक्वल वर्क’ (Equal Pay for Equal Work) का नियम अब बाध्यकारी हो गया है, यानी समान काम के लिए समान वेतन मिलेगा।
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अपॉइंटमेंट लेटर: हर कर्मचारी को नियुक्ति पत्र (Appointment Letter) देना अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे नौकरी की स्थिरता बनी रहे।
मुख्य बातें (Key Points)
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हर महीने की 7 तारीख तक सैलरी देना अनिवार्य, उल्लंघन पर जेल और जुर्माना।
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सैलरी में देरी होने पर प्रतिदिन 25 रुपये का हर्जाना और ब्याज मिलेगा।
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महिलाएं अब नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी, सुरक्षा की जिम्मेदारी कंपनी की होगी।
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हर कर्मचारी को अपॉइंटमेंट लेटर देना अनिवार्य, ताकि जॉब सिक्योरिटी बनी रहे।






