New Income Tax Bill 2025 – भारत सरकार ने नए इनकम टैक्स बिल को लोकसभा (Lok Sabha) में पेश कर दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को संसद में यह बिल रखा। यह इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 (Income Tax Act, 1961) की जगह लेगा और इसे 1 अप्रैल 2026 से लागू करने की योजना है। इस बिल को अब संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee) के पास आगे की समीक्षा के लिए भेजा जाएगा।
बिल में क्या खास है?
- 536 नई धाराएं (Sections), 23 अध्याय (Chapters) और 16 अनुसूचियां (Schedules) जो सिर्फ 622 पृष्ठों में समाहित हैं।
- कोई नया कर (New Tax) नहीं जोड़ा गया, सिर्फ मौजूदा प्रावधानों को आसान भाषा में लिखा गया है।
- 1961 के इनकम टैक्स कानून में 298 धाराएं और 14 अनुसूचियां थीं, जो अब ज्यादा स्पष्ट और सरल होंगी।
इनकम टैक्स कानून में क्या बदलाव हुए?
नए बिल में फ्रिंज बेनेफिट टैक्स (Fringe Benefit Tax) से जुड़े प्रावधानों को हटाया गया है। इसके अलावा:
- “स्पष्टीकरण या प्रावधान” (Explanations and Provisions) को कम किया गया, जिससे इसे समझना आसान होगा।
- कानूनी भाषा को सरल बनाने के लिए “बावजूद” शब्द की जगह “अपरिहार्य” शब्द का उपयोग किया गया।
- छोटे वाक्यों और तालिकाओं (Tables) का उपयोग करके इसे ज्यादा समझने योग्य बनाया गया है।
TDS और Salary से जुड़े अहम बदलाव
TDS (Tax Deducted at Source), अनुमानित कराधान (Presumptive Taxation), वेतन (Salary) और फंसे कर्ज (Bad Debt) से जुड़े नियम को सरल करने के लिए नए दिशानिर्देश जोड़े गए हैं।
- बिल में “करदाता चार्टर” (Taxpayer Charter) शामिल किया गया है, जो टैक्सपेयर्स के अधिकारों को परिभाषित करता है।
- “आकलन वर्ष” (Assessment Year) शब्द को हटाकर “टैक्स ईयर” (Tax Year) का कॉन्सेप्ट लाया गया है।
- ऑनलाइन टैक्स फाइलिंग को आसान बनाने के लिए डिजिटल प्रक्रियाओं पर जोर दिया गया है।
नए इनकम टैक्स बिल से किसे फायदा?
- सैलरी पाने वाले कर्मचारियों (Salaried Employees): सैलरी से जुड़ी कटौतियों और टैक्स छूट को और पारदर्शी बनाया गया है।
- छोटे बिजनेसमैन और स्टार्टअप्स (Small Businesses & Startups): अनुमानित कराधान की प्रक्रिया को सरल किया गया है।
- वरिष्ठ नागरिक (Senior Citizens): पेंशन और बचत पर मिलने वाली छूट को स्पष्ट किया गया है।
- इन्वेस्टर्स (Investors): पूंजीगत लाभ (Capital Gains) और स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट से जुड़े प्रावधान आसान किए गए हैं।
नए बिल पर विपक्ष और विशेषज्ञों की राय
- विपक्षी दलों ने लोकसभा में बिल को जल्दबाजी में पेश करने का आरोप लगाया और इसे स्थायी समिति में भेजने की मांग की।
- टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि भाषा को सरल बनाना एक अच्छा कदम है, लेकिन करदाताओं को वास्तविक लाभ कितना मिलेगा, यह देखना होगा।
अब आगे क्या होगा?
- संसदीय समिति (Parliamentary Committee) इस बिल की समीक्षा करेगी और सुझाव देगी।
- संशोधन के बाद इसे दोबारा लोकसभा और राज्यसभा (Rajya Sabha) में पास कराया जाएगा।
- अगर यह पास हो जाता है, तो 1 अप्रैल 2026 से लागू हो सकता है।
New Income Tax Bill 2025 भारत के कर ढांचे को सरल और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से लाया गया है। TDS, Salary, Fringe Benefits और अन्य टैक्स प्रावधानों में बदलाव करदाताओं को राहत देने की कोशिश कर सकते हैं। हालाँकि, यह बिल कब तक पास होगा और इसमें कितने बदलाव होंगे, यह देखने वाली बात होगी।