चंडीगढ़, 16 जुलाई (The News Air)
बंद पड़े कारखाने, सूखे खेत, मुरझाई फसलो, भ्रष्टाचार के जोर,बेअदबी के शोर के बीच दिल्ली से आया एक हवा का झोंका पूरे पंजाब को झकझोर रहा है। अभी हवा हवाई बात ये आई है कि कांग्रेस को नया प्रधान ट्विटर सिंह के रूप में मिलने जा रहा है। दिल्ली दरबार से वह अकेले नहीं आ रहे एक आगे आगे एक पीछे भी लगा दिए गए हैं। मतलब तीतर के आगे दो तीतर, तीतर के दो पीछे तीतर बोलो कितने तीतर? पंजाब जहां एक ओर गिनती गिन रहा है वह ट्वीटर सिंह को उनके बार बार किए ट्वीट दोहरा भी रहा है,गिना भी रहा है। और पूछ भी रहा है क्या ट्वीट बम प्रधान की कुर्सी कबजाने के लिए ही बरसाये गए थे या उन ट्वीटरिया बम में कुछ दम भी बचा ह?
पंजाब ट्विटर सिंह के एक-एक ट्वीट को संभाले बैठा है। याद है ट्वीट की झड़ी, लड़ी, कड़ी वह बेमौसम इतना बरसी कि कैप्टन के मिजाज को तबाह कर गई। ना चाह कर भी कैप्टन यस बॉस यस बॉस बोल रहे हैं पर पत्ते वो भी कहां खोल रहे हैं।
नया प्रधान स्वागत है ‘श्री’मान आप तो पंजे वालों को खूब जानते हैं। यह पंजा जो भ्रष्टाचार में डूबा है उस पंजे को ईमानदारी के रंग से कैसे रंग पाएंगे ? पंजाब में आज भी अखबार चीख़ चीख कर बोल रहे हैं,और पूछ रहे हैं भ्रष्टाचार जारी है नए प्रधान की क्या तैयारी है ?क्या ट्वीट धमाको से दिल्ली दरबार दहलाने वाले प्रधान को वो मुद्दे, वो बातें, वो वादे, करार याद रहेंगे या फिर प्रधानी मिलते ही याददाश्त पर कुछ फर्क पड़ जाएगा? सिद्धू के उठाये सवाल क्या सिद्धू से ही पंजाब को न्याय दिला पाएंगे,जवाब लाजमी है जाहिर है अब तो स्वयं प्रधान है सिद्धू । सिद्धू सिद्ध करके आए हैं ‘श्री’ जी अपनी श्रेष्ठता पूरे पंजाब के कांग्रेसियों पर भारी बन दिल्ली से कूच कर रहे हैं। तो क्या पंजाब को नया प्रधान अपनी ही लगाई अर्ज़ी पर न्याय दिला पाएगे?
सच तो यह है सिद्धू ने बातों का पहाड़ खड़ा कर दिया है पंजाब में, और शिखर पर स्वयं समाधी लगा प्रधान की कुर्सी प्राप्त कर ली है।अब प्रधानी चलाने का वक्त है बातों के बतासे बांट दिए गए हैं , लोग भरोसे में है न्याय पंजाब तब पाएगा, जब अपना सिद्धू आएगा। लो सिद्धू जी आ गए वो भी दो और जोड़ पूरे दल बल के साथ आज नहीं तो कल पंजाब की जमीन को सिद्धू का कारवा चूमेगा ही। तो क्या वादों का टोकरा साथ में लाएंगे? उस पर अमल करेंगे ? या दिल्ली में ही हाथ झाड़ आएंगे? पंजाब की बारीक नजर सिद्धू पर बनी हुई है सिद्धू को अब खुद को सिद्ध करना है।
कांग्रेस के हाथ की बिखरी, टूटी उंगलियों को जोड़ मजबूत पंजा बनाना उनमे से कई उंगलियां तो ऐसी भी है जो इन के वार से ही लहूलुहान हुई छटपटा रही हैं। वर्षों की रस्साकशी के बाद 10 जनपथ के मंथन से निकला यह प्रधान कुर्सी का फार्मूला पंजाब के लिए अमृत बनेगा या विश धारा जवाब वक्त के गर्भ में सुरक्षित है । सवाल यह भी है की क्या भ्रष्टाचार में डूबे, घिरे, भीगे मंत्रियों की टिकट काट सिद्धू बड़ी विकेट लेने में कामयाब होंगे? या हवा में गेंद उछाल लपकने के लिए सबको भिड़ा सिर फ़ूडवाते रहेंगे। सवालों की भीड़ और भगदड़ के बीच सिद्धू का नया अवतार क्या कांग्रेस को टूटने ,बिखरने,बिछुड़ने से रोकने के लिए तैयार कर पाएगा? वह भी तब जब पूरे पंजाब में केजरीवाल का यह नारा गूंज रहा है बिजली तो आएगी,पर बिल नही आएंगे। सीधी लड़ाई आप से है अपनो के वार धारदार चारो ओर से होंगे,इन सबसे ज्यादा घातक होगा भितरघात। परधान जी आदतन क्रीज से बाहर निकल विरोधियो को सीमा पार पहुचाएँगे या क्रीज में सिमट बातो के बाउंसर झेलते खेलते हांफते रहेंगे।कुछ भी पर सिद्धू की इस पारी का इंतज़ार हमें ‘आप ‘को और पूरे पंजाब को है।
लेखक- पण्डित संदीप