NBFC का एजुकेशन लोन पोर्टफोलियो फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में 35-40 फीसदी बढ़ सकता है। रेटिंग एजेंसी CRISIL ने यह अनुमान जताया है। उसने कहा है कि पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ी है। एनबीएफसी के बिजनेस मॉडल में भी बदलाव आया है। इसका असर एनबीएफसी के एजुकेशन लोन की ग्रोथ पर पड़ेगा। क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर और चीफ रेटिंग्स ऑफिसर कृष्णन सीतारमन ने कहा कि इंस्टीट्यूट और कोर्स दोनों के हिसाब से विदेशी यूनिवर्सिटीज के रिस्क क्लासिफिकेशन में बदलाव आया है। इससे विदेश पढ़ाई के लिए जाने वाले स्टूडेंट्स की लोन की जरूरतें पूरी करने में एनबीएफसी को मदद मिली है।
कोरोना की महामारी का असर
क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है फाइनेंशियल ईयर 2023 के मुकाबले यह सामान्य ग्रोथ है। लेकिन एसेट अंडर मैनेजमेंट में यह अच्छी ग्रोथ है। एयूएम के फाइनेंशियल ईयर 2022 में 13,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये पहुंच जाने का अनुमान है। रिपोर्ट में फाइनेंशियल ईयर 2021 में ग्रोथ फ्लैट रहने की जानकारी दी गई है। इसकी वजह कोरोना की महामारी बताई गई है। इसके चलते विदेशी यात्रा बंद हो गई थी।
फिर से बढ़ रही है संख्या
रिपोर्ट में कहा गया है कि फाइनेंशियल ईयर 2021 में विदेश जाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या घटकर 2.6 लाख रह गई थी। लेकिन, कोरोना की महामारी का असर कम होने पर यह संख्या फाइनेंशियल ईयर 2022 में 4.5 लाख और फाइनेंशियल ईयर 2023 में 7.5 लाख पहुंच गई। विदेश जाने वाले 90 फीसदी से ज्यादा स्टूडेंट्स ने एजुकेशन लोन लिए। इनमें अमेरिका पढ़ाने के लिए जाने वाले स्टूडेंट्स की हिस्सेदारी आधा से ज्यादा रही। इसमें कनाडा जाने वाले स्टूडेंट्स की हिस्सेदारी 20-25 फीसदी रही।
लोन का रिपेमेंट अच्छा
अच्छी बात यह है कि फाइनेंशियल ईयर 2023 में जॉब लॉस के बावजूद इस लोन की कलेक्शन एफिशिएंसी स्टेबल बनी रही। 4-6 साल के ड्यूरेशन में एजुकेशन लोन का रिपेमेंट रेट ज्यादा है। यह पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी करने वाले स्टूडेंट्स की सैलरी से आता है।