Murshidabad Babri Masjid Controversy : West Bengal के मुर्शिदाबाद में सियासी पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। यहां बाबरी मस्जिद जैसी दिखने वाली एक इमारत की नींव रखने को लेकर विवाद इतना बढ़ गया है कि महाराष्ट्र की पूर्व सांसद और बीजेपी नेता नवनीत राणा ने इसे गिराने की खुली चेतावनी दे दी है, जिससे राज्य में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में इन दिनों सर्दी के मौसम में भी सियासत की गर्मी महसूस की जा रही है। विवाद की शुरुआत तब हुई जब यहां बिल्कुल अयोध्या की पुरानी बाबरी मस्जिद जैसी दिखने वाली एक मस्जिद की नींव रखी गई। यह नींव किसी और ने नहीं, बल्कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक हुमायूं कबीर ने रखी थी। इस घटना के बाद से ही विपक्षी दलों ने उन पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने और तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाना शुरू कर दिया। मामला इतना बढ़ा कि टीएमसी को नुकसान की आशंका हुई और उन्होंने विधायक हुमायूं कबीर को पार्टी से निलंबित कर दिया। लेकिन यह आग अब बुझती हुई नहीं दिख रही है, बल्कि इसकी लपटें बंगाल से बाहर निकलकर महाराष्ट्र तक जा पहुंची हैं।
नवनीत राणा की खुली चेतावनी
अमरावती की पूर्व सांसद और फायरब्रांड बीजेपी नेता नवनीत राणा इस विवाद में पूरी तरह से कूद पड़ी हैं। उन्होंने बेहद तल्ख लहजे में कहा है कि जिस तरह बाबरी का ढांचा गिराया गया था, उसी तरह इस नई नींव को भी उखाड़ फेंका जाएगा। राणा ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर वहां बाबरी मस्जिद के नाम पर एक भी ईंट और रखी गई, तो वह खुद बंगाल जाएंगी और उसे गिरा देंगी। उनका कहना है कि वह जल्द ही वहां कार सेवा करेंगी। नवनीत राणा ने सिर्फ चेतावनी ही नहीं दी, बल्कि कार्रवाई का भी ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा है कि मुर्शिदाबाद में राम मंदिर की तरह ही मंदिर बनेगा और इसके लिए वह राम नाम लिखी हुई ईंटों के दो ट्रक मुर्शिदाबाद भेजने जा रही हैं।
मुर्शिदाबाद का नाम बदलने की मांग
इस विवाद के बीच शहर का नाम बदलने की मांग भी जोर पकड़ने लगी है। नवनीत राणा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि मुर्शिदाबाद का नाम बदलकर ‘भागीरथ धाम’ किया जाएगा और वहां गर्व से जय श्री राम के नारे लगेंगे। इस मांग के पीछे का तर्क यह दिया जा रहा है कि मुर्शिदाबाद शहर भागीरथी नदी के किनारे बसा हुआ है। स्थानीय स्तर पर कई लोग इसे पहले से ही अनौपचारिक रूप से भागीरथ धाम कहते आए हैं। बीजेपी नेता अब इसे आधिकारिक नाम बनाने और शहर की धार्मिक पहचान बदलने की वकालत कर रही हैं।
चुनाव और टीएमसी का रुख
पश्चिम बंगाल में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में इस पूरे घटनाक्रम को चुनावी चश्मे से भी देखा जा रहा है। तृणमूल कांग्रेस ने इसे पूरी तरह से विपक्ष की चुनावी चाल करार दिया है। उनका कहना है कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद जैसे मुद्दों को हवा देकर बीजेपी ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ विवाद की जड़ बने विधायक हुमायूं कबीर भी अपने तेवर नरम करने को तैयार नहीं हैं। पहले उन्होंने पार्टी से निकाले जाने पर इस्तीफा देने की बात कही थी, लेकिन अब उन्होंने यू-टर्न ले लिया है। उनका कहना है कि उन्होंने कोई गलती नहीं की है, इसलिए वह विधायक पद से इस्तीफा क्यों दें?
टकराव की स्थिति
मुर्शिदाबाद अब एक बार फिर राष्ट्रीय सुर्खियों में है। वहां के हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। एक तरफ हिंदू संगठन अयोध्या की तर्ज पर वहां मंदिर की आधारशिला रखने की तैयारी कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ मस्जिद निर्माण को लेकर विवाद जारी है। नवनीत राणा के दो ट्रक ईंटें भेजने के ऐलान ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या स्थानीय प्रशासन इस संभावित टकराव को रोक पाएगा या फिर बंगाल चुनाव से पहले यह मुद्दा कोई बड़ा रूप लेगा।
मुख्य बातें (Key Points)
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मुर्शिदाबाद में बाबरी जैसी मस्जिद की नींव रखने पर विवाद गहराया।
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बीजेपी नेता नवनीत राणा ने मस्जिद गिराने और कार सेवा करने की धमकी दी।
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राणा ने मुर्शिदाबाद का नाम बदलकर ‘भागीरथ धाम’ करने की मांग की।
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राम नाम लिखी ईंटों के दो ट्रक बंगाल भेजने का किया गया ऐलान।






