नासा ने बताया है कि इस तस्वीर को एस्ट्रोफोटोग्राफर स्टेफानो जानारेलो (Stefano Zanarello) ने क्लिक किया था। नासा ने बताया है कि जिस एंगल पर तस्वीर को लिया गया, वह एक मुश्किल काम है। क्योंकि उस पोजिशन पर चंद्रमा कुछ देर के लिए ही मौजूद रहता है। सही शॉट लेने के लिए दूरी और टाइम का पता होना बेहद जरूरी है।
नासा ने कहा है कि पेरिस के मशहूर आर्क डी ट्रायम्फ में पूर्णिमा को कैद करना बेहद दुर्लभ और मुश्किल काम है। शॉट सही से ना लिया जाए, चांद इमारत के बीच में फिट नहीं होगा। दिलचस्प यह है कि चंद्रमा कुछ देर के लिए ही ऐसी पोजिशन पर रहता है कि उसे आर्क डी ट्रायम्फ के बीचोंबीच कैद किया जा सके।
बात करें आने वाले मून मिशनों की, तो अकेले नासा (Nasa) ने ही चंद्रमा के लिए कई मिशन तैयार किए हैं। आर्टिमिस मिशन इनमें सबसे बड़ा है। आर्टिमिस 1 (Artemis 1) मिशन सफल रहा है और अब तैयारी आर्टिमिस II (Artemis II) मिशन की हो रही है। हाल में नासा ने उन 4 अंतरिक्ष यात्रियों के नाम का ऐलान भी कर दिया, जो इस मिशन के साथ चांद का चक्कर लगाएंगे। इसके अलावा, अमेरिका, चंद्रमा पर अपना पहला ऑटोनॉमस रोवर भी लगाने जा रहा है। खास बात है कि इस रोवर को नासा ने नहीं, बल्कि कॉलेज स्टूडेंट्स के एक ग्रुप ने तैयार किया है।
नासा ने बताया है कि इस तस्वीर को एस्ट्रोफोटोग्राफर स्टेफानो जानारेलो (Stefano Zanarello) ने क्लिक किया था। नासा ने बताया है कि जिस एंगल पर तस्वीर को लिया गया, वह एक मुश्किल काम है। क्योंकि उस पोजिशन पर चंद्रमा कुछ देर के लिए ही मौजूद रहता है। सही शॉट लेने के लिए दूरी और टाइम का पता होना बेहद जरूरी है।
नासा ने कहा है कि पेरिस के मशहूर आर्क डी ट्रायम्फ में पूर्णिमा को कैद करना बेहद दुर्लभ और मुश्किल काम है। शॉट सही से ना लिया जाए, चांद इमारत के बीच में फिट नहीं होगा। दिलचस्प यह है कि चंद्रमा कुछ देर के लिए ही ऐसी पोजिशन पर रहता है कि उसे आर्क डी ट्रायम्फ के बीचोंबीच कैद किया जा सके।
बात करें आने वाले मून मिशनों की, तो अकेले नासा (Nasa) ने ही चंद्रमा के लिए कई मिशन तैयार किए हैं। आर्टिमिस मिशन इनमें सबसे बड़ा है। आर्टिमिस 1 (Artemis 1) मिशन सफल रहा है और अब तैयारी आर्टिमिस II (Artemis II) मिशन की हो रही है। हाल में नासा ने उन 4 अंतरिक्ष यात्रियों के नाम का ऐलान भी कर दिया, जो इस मिशन के साथ चांद का चक्कर लगाएंगे। इसके अलावा, अमेरिका, चंद्रमा पर अपना पहला ऑटोनॉमस रोवर भी लगाने जा रहा है। खास बात है कि इस रोवर को नासा ने नहीं, बल्कि कॉलेज स्टूडेंट्स के एक ग्रुप ने तैयार किया है।