वॉशिंगटन (Washington), 14 जनवरी (The News Air): चंद्रमा और अन्य ग्रहों पर भविष्य के मिशनों को आसान बनाने के लिए NASA (नासा) ने एक क्रांतिकारी तकनीक पेश की है, जिसका नाम Lunar PlanetVac (LPV) है। यह तकनीक चंद्रमा और अन्य ग्रहों से मिट्टी और चट्टानों के सैंपल्स इकट्ठा करने में मदद करेगी। वैज्ञानिकों का दावा है कि LPV से खोदाई (Drilling) की जरूरत खत्म हो जाएगी।
Lunar PlanetVac को Honeybee Robotics ने विकसित किया है, जो Blue Origin (ब्लू ओरिजन) का हिस्सा है। यह सिस्टम प्रेशर वाली गैस का उपयोग कर मिट्टी और धूल को उठाता है और कंटेनर में स्टोर करता है। आइए जानते हैं कि यह कैसे काम करता है और क्यों इसे भविष्य की अंतरिक्ष खोजों के लिए गेम-चेंजर माना जा रहा है।
LPV कैसे करता है काम? : LPV एक एडवांस्ड वैक्यूम क्लीनर की तरह काम करता है।
- सैंपल कलेक्शन: प्रेशरयुक्त गैस के माध्यम से मिट्टी को हिलाया जाता है, जिससे धूल और कण हवा में उठते हैं।
- डायरेक्ट कंटेनर: हवा में उठे कण एक सैंपल कंटेनर में स्टोर हो जाते हैं।
- ऑटोमेटिक सिस्टम: इसे चंद्रमा पर भेजे गए लैंडर (Lander) से जोड़ा गया है, जो पूरी प्रक्रिया को ऑटोमैटिक बनाता है।
NASA की रिपोर्ट के अनुसार, यह सिस्टम लैंडर के जरिए सैंपल्स को पृथ्वी (Earth) पर वापस लाने में भी मदद करेगा।
खोदाई की जरूरत खत्म! : LPV की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे वैज्ञानिकों को चंद्रमा (Moon) और मंगल (Mars) जैसे ग्रहों पर खोदाई नहीं करनी पड़ेगी।
NASA मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर (Marshall Space Flight Center) के प्रोजेक्ट मैनेजर डेनिस हैरिस (Dennis Harris) का कहना है: “LPV तकनीक से न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि इससे मशीन के घिसने या पार्ट्स बदलने का झंझट भी खत्म हो जाएगा। यह एक वैक्यूम क्लीनर की तरह सरल और कुशल है।”
दूसरे ग्रहों पर भी करेगा काम : LPV तकनीक को सिर्फ चंद्रमा तक सीमित नहीं रखा गया है।
- पानी की खोज: इस तकनीक का उपयोग दूसरे ग्रहों पर पानी (Water) के सैंपल्स इकट्ठा करने में किया जा सकता है।
- खनिज खोज: हीलियम (Helium) और अन्य दुर्लभ खनिजों (Minerals) की खोज में यह मददगार साबित होगा।
ब्लू घोस्ट लैंडर पर पहली तैनाती : LPV को Blue Ghost Lander (ब्लू घोस्ट लैंडर) पर लगाया गया है। यह लैंडर NASA के CLPS (Commercial Lunar Payload Services) कार्यक्रम का हिस्सा है।
- कैसे करेगा काम:
सैंपलिंग हेड दबावयुक्त गैस छोड़ेगा, जिससे मिट्टी में हलचल होगी।- इससे एक सेंटीमीटर आकार तक के कण उड़कर कंटेनर में जमा होंगे।
- 10 पेलोड्स का हिस्सा:
LPV उन 10 पेलोड्स में से एक है, जिन्हें ब्लू घोस्ट लैंडर पर लगाया गया है।
Lunar PlanetVac से चंद्रमा और अन्य ग्रहों की सतह पर रिसर्च करना आसान हो जाएगा। खोदाई की जरूरत खत्म होने से मिशनों की लागत और समय दोनों में बचत होगी। वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह तकनीक आने वाले वर्षों में अंतरिक्ष अन्वेषण (Space Exploration) का चेहरा बदल देगी।
क्या आप सोच सकते हैं कि भविष्य में ऐसी तकनीकें हमारे रोजमर्रा के जीवन का भी हिस्सा बनेंगी? हमें अपनी राय नीचे कमेंट में जरूर बताएं!