Iran Narges Mohammadi Arrest: जरा सोचिए, अगर आप सड़क पर बिना घूंघट या बुर्का पहने निकलें और आपको सीधे हथकड़ी लगा दी जाए, तो कैसा महसूस होगा? सुनने में यह अजीब और डरावना लग सकता है, लेकिन ईरान में यही हकीकत है। ईरान की मशहूर हस्ती और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नर्गेस मोहम्मदी को सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उन्होंने एक शोक सभा के दौरान हिजाब नहीं पहना था।
यह घटना तब घटी जब नर्गेस मोहम्मदी तेहरान से करीब 680 किलोमीटर दूर मशहद में एक मानवाधिकार वकील के लिए आयोजित शोक सभा में शामिल होने पहुंची थीं। वहां उन्होंने बिना हिजाब पहने ही सभा को संबोधित करना शुरू कर दिया, जिसके बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया।
‘शोक सभा में बिना हिजाब के संबोधन’
नर्गेस मोहम्मदी के नाम पर बने फाउंडेशन ने जानकारी दी है कि उन्हें मशहद से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद सामने आए वीडियो फुटेज में नर्गेस हाथ में माइक थामे, बिना हिजाब के भीड़ को संबोधित करती नजर आ रही हैं।
इस दौरान वह भीड़ से मजीद रेजा रहनवर्ड का नाम बुलवा रही थीं। मजीद रेजा वही शख्स हैं जिन्हें 2022 में सार्वजनिक रूप से क्रेन से लटकाकर फांसी दी गई थी। नर्गेस का यह अंदाज वहां मौजूद प्रशासन को रास नहीं आया। हालांकि, एक स्थानीय अधिकारी ने गिरफ्तारी की बात मानी है, लेकिन उन्होंने सीधे तौर पर नर्गेस का नाम लेने से परहेज किया।
‘नारेबाजी और गवर्नर का बयान’
इस मामले पर ईरानी सरकारी टेलीविजन के मुताबिक, मशहद के गवर्नर हसन हुसैनी ने कहा कि कार्यक्रम में शामिल लोगों ने नियम तोड़ने वाले नारे लगाए थे, जिसके चलते उन्हें हिरासत में लेना पड़ा।
वहीं, नर्गेस के समर्थकों का आरोप है कि पुलिस बल ने उन्हें बेहद हिंसक तरीके से हिरासत में लिया। समर्थकों ने बताया कि उनके साथ किए गए इस बर्ताव से लोग गुस्से में हैं और प्रशासन को चेतावनी देते हुए उनकी फौरन रिहाई की मांग कर रहे हैं।
’30 साल की सजा और 13 बार गिरफ्तारी’
53 वर्षीय नर्गेस मोहम्मदी पेशे से एक इंजीनियर हैं, लेकिन पिछले दो दशकों से वे मानवाधिकार आंदोलन का एक बड़ा चेहरा रही हैं। उनके संघर्ष का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें अब तक 13 बार गिरफ्तार किया जा चुका है और पांच बार सजा सुनाई गई है। कुल मिलाकर उन्हें अब तक 30 साल से ज्यादा की सजा मिल चुकी है।
दिसंबर 2024 में चिकित्सा कारणों से उन्हें पैरोल मिली थी। यह राहत केवल तीन सप्ताह के लिए थी, लेकिन कार्यकर्ताओं और पश्चिमी शक्तियों के दबाव के कारण उनकी रिहाई की अवधि बढ़ गई थी। जून में ईरान और इजराइल के बीच हुए 12 दिवसीय युद्ध के दौरान भी वह जेल से बाहर ही थीं।
‘पश्चिम का प्रभाव या आजादी की आवाज?’
ईरान में नर्गेस को लेकर दो तरह की राय है। उनके आलोचक कहते हैं कि वे पश्चिम के प्रभाव में आकर ईरान के लोगों की सोच और संस्कृति को बदलने की कोशिश कर रही हैं। वहीं, उनके समर्थक उन्हें एक ऐसे प्रतीक के रूप में देखते हैं जो ईरान में बदलाव, खुलापन और महिलाओं की आजादी चाहता है।
उनकी गिरफ्तारी को लेकर नरगिस फाउंडेशन ने बयान जारी कर इसे मौलिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन बताया है और मांग की है कि शोक सभा में शामिल होकर सम्मान प्रकट करने वाले सभी लोगों को तत्काल और बिना शर्त रिहा किया जाए।
मुख्य बातें (Key Points)
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नर्गेस मोहम्मदी को मशहद में बिना हिजाब शोक सभा संबोधित करने पर गिरफ्तार किया गया।
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वह 2022 में फांसी पर लटकाए गए मजीद रेजा रहनवर्ड के लिए नारे लगा रही थीं।
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नर्गेस को अब तक 13 बार गिरफ्तार किया जा चुका है और कुल 30 साल से ज्यादा की सजा मिली है।
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समर्थकों ने गिरफ्तारी को हिंसक बताया और तत्काल रिहाई की मांग की।






