Israel-Iran War – इजरायल (Israel) और ईरान (Iran) के बीच छिड़ी जंग का गुरुवार (19 जून) को सातवां दिन है। इस संघर्ष ने अब वैश्विक तनाव को और भी बढ़ा दिया है, जहां अमेरिका (USA) ने अपनी सैन्य रणनीति के तहत ईरान को घेरने के लिए मध्य-पूर्व के मुस्लिम देशों के साथ मिलकर एक मजबूत चक्रव्यूह रच डाला है। ईरान ने बीती रात दक्षिणी इजरायल के बीरशेबा (Beersheba) में मिसाइल हमला कर एक अस्पताल को निशाना बनाया, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं। इजरायली प्रवक्ता के अनुसार, सोरोका अस्पताल (Soroka Hospital) को इस हमले में गंभीर क्षति पहुंची है और कुल मिलाकर 65 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ईरान पर सैन्य कार्रवाई की योजना को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, हालांकि अभी इस पर अमल नहीं किया गया है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन (Pentagon) और उसके शीर्ष अधिकारी ईरान की गतिविधियों पर गहन नजर रखे हुए हैं। युद्ध की आशंका को भांपते हुए अमेरिका ने इस्लामिक गणराज्य ईरान के आसपास के मुस्लिम देशों में भी अपनी सैन्य तैनाती को मजबूत किया है।
अमेरिका की रणनीति और सैन्य चक्रव्यूह
अमेरिका को आशंका है कि जैसे ही वह इजरायल की ओर से युद्ध में सक्रिय होता है, ईरान उसकी सैन्य चौकियों पर पलटवार कर सकता है। यही वजह है कि अमेरिका ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब (Saudi Arabia), और जॉर्डन (Jordan) जैसे मुस्लिम देशों में अपने 40,000 जवानों को अलर्ट पर रख दिया है। The Telegraph की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने ईरान के संभावित हमलों से बचने के लिए मध्य-पूर्व (Middle East) में मौजूद अपने लगभग 20 सैन्य अड्डों की सुरक्षा को और अधिक पुख्ता कर दिया है। इन बेसों में से कई ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों (Ballistic Missiles) की जद में आते हैं।
ईरान के खिलाफ अमेरिका की तैयारी
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में उन खास ठिकानों की पहचान की है जो ईरान के लिए हमले के प्रमुख लक्ष्य हो सकते हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसियां (Intelligence Agencies) इन ठिकानों की लगातार निगरानी कर रही हैं और किसी भी संभावित खतरे को लेकर अलर्ट मोड पर हैं।
इस संपूर्ण घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि इजरायल-ईरान युद्ध सिर्फ दो देशों के बीच की लड़ाई नहीं रह गई है, बल्कि यह अब वैश्विक स्तर पर सामरिक शक्तियों की परीक्षा बन चुकी है। अमेरिका का ईरान को घेरने का यह सैन्य चक्रव्यूह आने वाले दिनों में मध्य-पूर्व में और अधिक उथल-पुथल मचा सकता है।