Waqf Law Protest Kolkata 2025 को लेकर पश्चिम बंगाल (West Bengal) की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। विपक्ष और कई मुस्लिम संगठनों ने वक्फ कानून (Waqf Law) के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है। इस मुद्दे पर अब पश्चिम बंगाल सरकार (West Bengal Government) में मंत्री और जमीयत उलेमा-ए-हिंद (Jamiat Ulema-e-Hind) के बंगाल चैप्टर प्रमुख सिद्दीकुल्ला चौधरी (Siddiqullah Chowdhury) ने विवादास्पद बयान देकर नया बवाल खड़ा कर दिया है।
सड़क पर मिठाई खाकर विरोध की चेतावनी
सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कोलकाता (Kolkata) के रामलीला मैदान (Ramlila Maidan) में घोषणा करते हुए कहा कि वे कम से कम 50 जगहों पर 10-10 हजार मुसलमानों को बैठाएंगे और ये लोग वक्फ कानून के खिलाफ सड़क पर बैठकर मुरमुरे, बताशे और गुड़ खाएंगे। उनका कहना था कि अगर हर जगह पर 2 हजार लोगों का समूह बैठ जाएगा तो ट्रैफिक रुक जाएगा और विरोध दर्ज हो जाएगा। उन्होंने जोर दिया कि किसी को नुकसान पहुंचाना उद्देश्य नहीं है, लेकिन विरोध को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता।
एक करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे वक्फ बिल के खिलाफ
चौधरी ने कहा कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद पूरे देश से एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर करवा कर इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को भेजेगा। उनका आरोप है कि वक्फ कानून आरएसएस (RSS) और बीजेपी (BJP) की साजिश है, जिसका मकसद मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाना है। वहीं, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने पलटवार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) यह तय नहीं कर सकतीं कि कोई कानून असंवैधानिक है या नहीं। वक्फ बिल अब कानून बन चुका है, जिसे सभी को मानना होगा।
कोलकाता में भगवा झंडा उतरवाने का वीडियो वायरल
इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक बस पर लगा भगवा झंडा उतरवाया जाता दिख रहा है। यह घटना 10 अप्रैल की बताई जा रही है और दावा किया गया है कि यह कोलकाता (Kolkata) की है। वीडियो में भीड़ बस को घेरती है और ड्राइवर को झंडा उतारने को कहती है, जो बाद में झंडा उतार देता है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज
इस वीडियो को लेकर शुभेंदु अधिकारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह दृश्य स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) की जन्मस्थली में देखना चौंकाने वाला है। उन्होंने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। बीजेपी (BJP) नेता दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने भी बयान दिया कि फिलिस्तीन और हमास के झंडे तो लहराए जा सकते हैं, लेकिन रामनवमी पर भगवा झंडा लहराना मुश्किल हो गया है।