पश्चिम चम्पारण. जिले के सदर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग के पीछे एक नवजात बच्ची कीचड़ में फेंकी हुई मिली. अस्पताल के एक सुरक्षा कर्मी ने इमरजेंसी कक्ष के पीछे से बच्ची के रोने की आवाज सुनी. इसके बाद उन्होंने वहां पहुंचकर देखा, तो पाया कि इमरजेंसी कक्ष के पीछे कचरे और कीचड़ में एक नवजात लावारिस हालत में पड़ी हुई है.
कर्मी ने बिना देर किए इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को दी. जिसकेबाद सुरक्षा गार्ड और अस्पताल कर्मी ने नवजात को कीचड़ से बाहर निकाला. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया तो गया, लेकिन अफसोस कुछ समय बाद नवजात की मौत हो गई.
कचरे के ढेर में मिली नवजात बच्ची
बता दें कि नवजात बच्ची को पानी और कीचड़ से बाहर निकालने के बाद इलाजरत किया गया. जहां तकरीबन 4 घंटे तक जीवित रहने के बाद उसकी तबीयत अचानक से बिगड़ गई और अंततः उसने दम तोड़ दिया. दरअसल, मंगलवार की रात एक नवजात को उसके ही मां-बाप ने मरने के लिए रात के अंधेरे में अस्पताल की छत से नीचे फेंक दिया.
बुधवार की सुबह ड्यूटी पर तैनात गार्ड प्रदीप गिरी, कर्मी रंजीत कुमार और गोविंद शाही ने तकरीबन 7 बजे झाड़ियों से आ रही बच्ची के रोने की आवाज सुनी. पहुंचकर देखा गया तो, पूरी तरह से नग्न एक नवजात बच्ची कचरे में फेंकी हुई थी, जिसका आधा शरीर पानी में डुबा हुआ था. बिना देर किए उक्त कर्मियों ने एक कपड़े में लपेट कर बच्ची को बाहर निकाला और उसे तुरंत इलाज हेतु भर्ती कराया.
4 घंटे इलाज के बाद तोड़ दिया दम
उपाधीक्षक डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया कि अनुमंडलीय अस्पताल में नवजात बच्ची को भर्ती करने के बाद 4 घंटा तक इलाज किया गया. इसके बाद अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई और बच्ची की मौत हो गई. घटना की सूचना पुलिस को दी गई. मौके पर पहुंची शिकारपुर थाना पुलिस ने बच्ची के शव को कब्जे में लिया तथा उसे पोस्टमार्टम के लिए बेतिया स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए.






