Oman Currency Value : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन देशों की यात्रा के आखिरी पड़ाव में खाड़ी देश ओमान पहुंचे हैं। इस दौरे के साथ ही पूरी दुनिया की नजरें ओमान की उस ताकतवर करेंसी पर टिक गई हैं, जिसके सामने अमेरिका का डॉलर भी बौना नजर आता है। ओमान में भारतीय रुपये की हैसियत का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि वहां की छोटी सी कमाई भारत में आपको रातों-रात करोड़पति बना सकती है।
डॉलर भी पानी भरता है इस करेंसी के आगे
आमतौर पर हम मानते हैं कि अमेरिकी डॉलर दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी है, लेकिन ओमान का ‘रियाल’ (OMR) इस भ्रम को तोड़ देता है। ओमान की मुद्रा की कीमत इतनी ज्यादा है कि अमेरिकी डॉलर भी इसके सामने फीका पड़ जाता है।
आंकड़ों की बात करें तो अभी 1 ओमानी रियाल की कीमत करीब 2.60 अमेरिकी डॉलर के बराबर है। यानी एक रियाल खरीदने के लिए आपको ढाई डॉलर से ज्यादा खर्च करने होंगे। यह दुनिया की उन चुनिंदा मुद्राओं में से एक है जो डॉलर को भी पछाड़ देती है। इसमें कुवैत और बहरीन की करेंसी भी शामिल हैं।
1 लाख कमाओ और करोड़पति बन जाओ
अब जरा भारतीय रुपये के साथ इसका गणित समझिए, जो किसी को भी हैरान कर सकता है। आज के एक्सचेंज रेट के हिसाब से 1 ओमानी रियाल की कीमत लगभग 235 से 236 भारतीय रुपये के बराबर है।
इसका सीधा मतलब यह है कि अगर कोई भारतीय ओमान में नौकरी करता है और वहां महज 1 लाख रियाल कमा लेता है, तो भारत में उस रकम की वैल्यू करीब 2 करोड़ 36 लाख रुपये होगी। यानी ओमान का लखपति, भारत में आते ही सीधा करोड़पति बन जाता है। यही वजह है कि वहां काम करने वाले भारतीय अपने परिवार को एक बड़ी रकम भेजने में सक्षम होते हैं।
आखिर क्यों इतना महंगा है ओमानी रियाल?
एक छोटे से देश की करेंसी इतनी मजबूत कैसे हो सकती है? इसके पीछे सबसे बड़ा कारण वहां का ‘काला सोना’ यानी तेल और प्राकृतिक गैस का विशाल भंडार है। ओमान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से स्थिर है और उनके पास विदेशी मुद्रा का बड़ा भंडार है।
इसके अलावा, ओमान का क्षेत्रफल करीब 39,500 वर्ग किलोमीटर है और आबादी सिर्फ 55 लाख है। कम जनसंख्या और तेल से होने वाली भारी कमाई की वजह से वहां की प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) बहुत ज्यादा है, जो उनकी मुद्रा को दुनिया में सबसे शक्तिशाली बनाए रखती है।
भारत और ओमान का गहरा रिश्ता
भारत और ओमान के बीच सिर्फ रुपयों का नहीं, बल्कि व्यापार का भी गहरा रिश्ता है। भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, करीब 7 लाख 81 हजार भारतीय ओमान में रहते हैं और वहां की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते हैं।
भारत ओमान से कच्चा तेल, एलएनजी (LNG), यूरिया और जिप्सम मंगाता है, जो हमारे पावर और फर्टिलाइजर सेक्टर के लिए जरूरी है। बदले में भारत वहां अनाज, मशीनरी, टेक्सटाइल्स, चाय-कॉफी और मसाले एक्सपोर्ट करता है।
संपादकीय विश्लेषण: खाड़ी देशों की आर्थिक ताकत का प्रतीक
एक वरिष्ठ संपादक के तौर पर देखें तो पीएम मोदी का यह दौरा केवल राजनयिक संबंधों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा और वहां रह रहे लाखों भारतीयों के भविष्य से जुड़ा है। ओमान की करेंसी का इतना मजबूत होना यह दर्शाता है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था में पेट्रो-डॉलर वाले देशों का दबदबा आज भी कायम है। जब भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले कमजोर हो रहा है, ऐसे में ओमान जैसे देशों के साथ मजबूत संबंध भारत के लिए विदेशी मुद्रा कमाने का एक बड़ा जरिया हैं।
क्या है पृष्ठभूमि
ओमानी रियाल की तरह ही दुनिया में कुछ और भी करेंसी हैं जो डॉलर से ज्यादा मजबूत हैं। वीडियो में बताया गया है कि कुवैती दीनार, बहरीनी दीनार, ब्रिटिश पाउंड और स्विस फ्रैंक भी उन मुद्राओं की लिस्ट में शामिल हैं, जिनका वैल्यूएशन अमेरिकी डॉलर से ऊपर रहता है। लेकिन ओमान की स्थिरता इसे खास बनाती है।
मुख्य बातें (Key Points)
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ओमान की करेंसी ‘रियाल’ (OMR) की कीमत करीब 235 भारतीय रुपये है।
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1 ओमानी रियाल 2.60 अमेरिकी डॉलर के बराबर है, जो इसे डॉलर से मजबूत बनाता है।
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ओमान में 1 लाख रियाल की कमाई भारत में 2.36 करोड़ रुपये के बराबर होती है।
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तेल और गैस के भंडार तथा कम आबादी ओमान की करेंसी को मजबूत बनाते हैं।






