नई दिल्ली, 29 जुलाई (The News Air)
मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने वालों छात्रों के लिए केंद्र सरकार ने अहम फ़ैसला लिया है। आर्थिक रुप से कमज़ोर और पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए आरक्षण की मंजूरी दी गई है। नए नियमों के तहत एमबीबीएस, बीडीएस जैसे ग्रैजुएट कोर्स और पोस्ट ग्रैजुएट स्तर के मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 फ़ीसदी और आर्थिक रुप से कमज़ोर छात्रों (EWS) को 10 फ़ीसदी का आरक्षण मिलेगा।
इसका फ़ायदा ऑल इंडिया कोटा स्कीम के तहत राज्य सरकार द्वारा संचालित संस्थानों में लिया जा सकेगा। बताते चलें कि केंद्र द्वारा संचालित संस्थानों में यह पहले से लागू है। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करके कहा कि सरकार के फ़ैसले से हर साल हज़ारों युवाओं को इसका फ़ायदा मिलेगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हमारी सरकार ने मेडिकल कोर्सेज में ऑल इंडिया कोटा स्कीम के तहत आरक्षण देने का ऐतिहासिक फ़ैसला लिया है।
इसको लेकर पिछले काफ़ी दिनों से सरकार से मांग भी हो रही थी। बुधवार को केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की अगुवाई में ओबीसी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने भी पीएम मोदी से मुलाक़ात की थी और नीट अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट में AQI में OBC और EWS उम्मीदवारों के लिए आरक्षण की मांग की थी।
मोदी सरकार के इस फ़ैसले से लगभग 5500 छात्रों को इसका सीधा फ़ायदा मिलेगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार सरकार OBC और EWS वर्ग दोनों के लिए उचित रिज़र्वेशन देने के लिए प्रतिबद्ध है। नए नियमों के बाद MBBS में दाखिला लेने वाले 1500 ओबीसी छात्रों को फ़ायदा होगा, पोस्टग्रैजुएट में भी 2500 छात्रों को फ़ायदा होगा, इस तरह ओबीसी कोटा से 4 हज़ार छात्रों को फ़ायदा पहुंचेगा।
वहीं अगर EWS कोटा की बात करें तो MBBS में 550 छात्रों को फ़ायदा होगा और पोस्ट ग्रेजुएशन में 1000 EWS छात्रों को फ़ायदा होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह व्यवस्था ऑल इंडिया कोटे के तहत अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल और डेंटल कोर्सेज जैसे कि MBBS, MD, MS Diplome, BSD और MDS के करेंट अकैडमिक सेशन 2021-22 से लागू होगी।