UPI Transaction पर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार (Modi Government) ने 2,000 रुपये से कम के UPI ट्रांजैक्शन (UPI Transaction) को बढ़ावा देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत सरकार MDR (Merchant Discount Rate) का खर्च खुद उठाएगी, जिससे छोटे व्यापारियों और उपभोक्ताओं को सीधा फायदा मिलेगा। यह कदम डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और वित्तीय बोझ कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
क्या है सरकार की नई योजना?
बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ‘कम वैल्यू वाले भीम-यूपीआई (BHIM-UPI) लेनदेन को बढ़ावा देने की पी2एम (P2M) प्रोत्साहन योजना’ को मंजूरी दी। इस योजना की अनुमानित लागत 1,500 करोड़ रुपये होगी और इसमें 2,000 रुपये तक के UPI लेनदेन शामिल होंगे।
सरकार के अनुसार, छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 रुपये तक के लेनदेन पर प्रति ट्रांजैक्शन 0.15% की दर से प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह फैसला उन व्यापारियों के लिए राहत लेकर आया है, जो डिजिटल भुगतान पर निर्भर हैं।
क्या होता है मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR)?
Merchant Discount Rate (MDR) वह शुल्क है, जो दुकानदार ऑनलाइन पेमेंट प्रोसेसिंग के लिए बैंकों को देते हैं। पहले 2,000 रुपये से कम के UPI ट्रांजैक्शन पर MDR लागू था, लेकिन 2020 में इसे हटा दिया गया ताकि डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया जा सके। अब सरकार इस योजना के तहत MDR की लागत खुद वहन करेगी, जिससे छोटे व्यापारियों को कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।
कैसे होगा ग्राहकों और व्यापारियों को फायदा?
- व्यापारियों को राहत: छोटे व्यापारी अब बिना अतिरिक्त लागत के डिजिटल भुगतान स्वीकार कर सकेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा।
- ग्राहकों को सहूलियत: डिजिटल भुगतान को और अधिक सुविधाजनक और सुलभ बनाया जाएगा, जिससे लोग नकद लेनदेन से बचेंगे।
- डिजिटल इंडिया को मजबूती: सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया (Digital India) पहल को मजबूत करेगा और देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देगा।
सरकार का यह फैसला डिजिटल भुगतान प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी और ग्राहक भी आसानी से UPI ट्रांजैक्शन कर सकेंगे।